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छह साल की बच्ची का बेरहम आसरा: मारपीट आम, कपड़ों की पेटी में बंद करने की भी सजा

ह्यूमन एंगल: महिला व उसके दो बच्चे करते थे मारपीट, नहीं देते थे भरपेट भोजन, चाइल्ड लाइन ने किया रेस्क्यू

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छह साल की बच्ची का बेरहम आसरा: मारपीट आम, कपड़ों की पेटी में बंद करने की भी सजा

छह साल की बच्ची का बेरहम आसरा: मारपीट आम, कपड़ों की पेटी में बंद करने की भी सजा

दर्द की दास्तां

- बड़वाह निवासी बच्ची की मां की आर्थिक स्थिति नहीं थी ठीक
- परिचित महिला को पालन-पोषण के लिए सौंप दी थी बच्ची


इंदौर.

बड़वाह क्षेत्र निवासी मां ने आर्थिक दिक्कतों से मजबूर होकर अपनी छह साल की बच्ची परिचित महिला को सौंपी। यह आसरा बच्ची के लिए बेरहम साबित हुआ। महिला व उसके दो बच्चे उचित पालन-पोषण की जगह बच्ची से मारपीट करते और भरपेट भोजन भी नहीं देते थे। इसके अलावा कपड़ों की पेटी में बंद कर भी सजा दी जाती थी। आसपास के लोगों को जब बच्ची पर हो रहे अत्याचार देखे नहीं गए तो चाइल्ड लाइन को सूचना दी।
चाइल्ड लाइन को-ऑर्डिनेटर राहुल गोठाने व टीम ने पुलिस की मदद से बच्ची का रेस्क्यू किया। टीम जब बच्ची के पास पहुंची तो उसके शरीर पर चोट के निशान थे। बच्ची इस कदर सहमी हुई थी कि कुछ बता भी नहीं पा रही थी। वह भूखी थी। टीम ने पहले बच्ची को भोजन कराया और तेजाजी नगर थाने लाए। यहां एसआइ अभिरुचि ने मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।


केस दर्ज कराया

बच्ची की मां का परिचय तेजाजी नगर की फैक्ट्री में काम करने वाली महिला से था। आर्थिक परेशानियों के चलते मां ने बच्ची को महिला के पास छोड़ दिया था। बाल कल्याण समिति ने बच्ची से मारपीट करने वाली महिला व उसके दोनों बच्चों पर तेजाजी नगर थाने में केस दर्ज कराया है। बालिका का मेडिकल करवाकर संस्था में रखने का आदेश दिया गया। चाइल्ड लाइन टीम के दीपक गोस्वामी एवं नेहा सक्सेना ने बताया कि बच्ची को अभी संस्था में रखा है। बच्ची बेहद डरी हुई है। वह कुछ बता नहीं पा रही है। उसके परिजन की जानकारी निकाली जा रही है।