इंदौर। आइडीए ने सुपर कॉरिडोर तथा बायपास रिंग रोड के बीच शहर से दूरस्थ इलाकों में आवासीय विकास का श्रीगणेश कर दिया है। विवादों में फंसने के बाद सुपर कॉरिडोर पर टीपीएस-10 व रिंग रोड-2 पर टीपीएस-9 को विकसित करने के लिए प्रारूप का प्रकाशन कर दिया गया है। दोनों योजनाओं को सरकार की मंजूरी भी मिल चुकी है। प्रारूप प्रकाशन के साथ ही दावे-आपत्तियां बुलाए गए हैं। दोनों योजनाओं में लैंड पूलिंग के आधार पर जमीन ली जाएगी। 1200 एकड़ की ये योजनाएं दोनों क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होंगी।
आइडीए के भूअर्जन और प्लानिंग विभाग ने दोनों योजनाओं के प्रारूप का प्रकाशित किया है। अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा व सीइओ आरपी अहिरवार ने दोनों योजनाओं के लिए मौका मुआयना किया था। टीपीएस-10 पर 45 व 30 मीटर की सड़क बनने से आसपास की कॉलोनियों से सुपर कॉरिडोर की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। चावड़ा के अनुसार, आइडीए ने सुपर कॉरिडोर और आरई-2 पर विकास के लिए क्रमश: योजना 176 व 175 तैयार की थी। सरकार ने इन्हें समाप्त कर दिया। नए नियम में यहां पर नगर विकास स्कीम-10 व 9 विकसित करने का प्रस्ताव बनाया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। अब यहां मूलभूत सुविधाओं का विकास कर जमीन मालिक को 50 प्रतिशत जमीन दी जाएगी। जिसका इंटरनल विकास कर उपयोग के अनुसार प्लॉट का विक्रय कर सकेंगे।
ये हैं योजनाएं
-टीपीएस-10 का विकास 550 एकड़ में करेंगे। सुपर कॉरिडोर पर पहली सरकारी आवासीय स्कीम होगी। इसमें बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, लिंबोदागारी, टिगरिया बादशाह की जमीन ली जाएगी।
-बायपास व पूर्वी रिंग रोड के बीच बासपास व रिंग रोड़ टू को जोड़ते हुए 1650 एकड़ की दूसरी स्कीम टीपीएस-9 बनेगी। इससे एमआर-10 से विचौली हप्सी व नेमावर रोड के बीच आबादी एरिया विकसित होगा।
Published on:
30 Sept 2022 02:03 pm