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लॉकडाउन : सिर पर गठरी लिए, 22 मजदूरों के साथ 6 बच्चों की बेबस दास्तान

सैकड़ों मीलों का सफर तय कर इंदौर पहुंचे मजदूर...

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लॉकडाउन : सिर पर गठरी लिए, 22 मजदूरों के साथ 6 बच्चों की बेबस दास्तान

इंदौर : देशभर में कोरोना के कहर को रोकने के लिए तालाबंदी की गयी है। चार दिन से काम बंद है, पहले काम की तलाश में गुजरात पहुंचे थे। अब लॉकडाउन की वजह से कमाई की गठरी लेकर पैदल पलायन करने लगे हैं। मुसीबतों में सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर, इंदौर पहुंचे तो पुलिस ने रोक लिया। ये दास्तान उन मजदूरों की है जो लॉकडाउन के चलते खुद गुजरात से पैदल ही पलायन कर इंदौर पहुंच गये हैं। इनके साथ पुरा कुनबा है जो अलग-अलग टोली में पैदल ही चली आ रही।

22 मजदूरों के साथ है 6 बच्चे

इंदौर में आज सुबह गुजरात से आए 50 मजदूरों ने डीआईजी दफ्तर के बाहर डेरा लगा दिया। ये लोग अहमदाबाद की फैक्टियों में काम करने वाले मजदूर हैं. इन्हें गुजरात सरकार की बसों से मप्र की सीमा तक छोड़ दिया गया था। उसके बाद लिफ्ट और पैदल चलकर इंदौर पहुंचे। यहाँ से इन्हे आगे ग्वालियर, भिंड, मुरैना उत्तरप्रदेश जाना है। 22 मजदूरों के साथ 6 बच्चों की टोली इन्ही डेरों में शामिल थी। जो अब काम नहीं मिलने से बड़वानी जा रहें। बताते हैं कि निरंजनपुर में आईडीए मल्टी का काम चल रहा था। राजाराम ने बताया चौराहे पर साहब ने खाना खिलाने को कहा है। अब यहां कोई नहीं मिल रहा। लगता है भूखे ही जाना पड़ेगा।

प्रशासन चिंतित, हर संभव मदद को तैयार

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों और गरीब कामगारों की खबर चिंता कर देने वाली है। जिसको लेकर अब प्रशासन भी सजग हुई है, जिन्हे बसों से उनके गंतव्य तक छोड़ा जा रहा है। सैकड़ों मीलों का सफर तय कर इंदौर पहुंचे मजदूर अलग-अलग टोली में डहरे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर मजदूर, गरीब को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है।