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Cryptocurrency-टैक्स के दायरे में आई क्रिप्टो करेंसी, 24 घंटे में दोगुना हुई कीमतें

Cryptocurrency - विशेषज्ञों का मत: क्रिप्टो को करेंसी की जगह असेट्स मानना बेहतर, एक्सचेंज बनाकर रेगुलेशन ला सकती है सरकार

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इंदौर

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Manish Geete

Feb 03, 2022

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इंदौर. बजट में क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स की घोषणा के साथ ही इसमें बड़ा उछाल आया है। कई करेंसी की कीमत 24 घंटे में ही दोगुना तक हो गई है। ट्रेडिंग कर रहे ज्यादातर लोगों का मानना है कि सरकार ने टैक्स लगाकर इसके लिए आगे के रास्ते खोल दिए हैं। सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया है।

बजट में क्रिप्टो करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा का सकारात्मक असर रहा। उदाहरण के तौर पर देखें तो वजीरेक्स की करेंसी मंगलवार सुबह 10.30 बजे 0.8138 डॉलर थी, वह बजट भाषण खत्म होने तक 47 फीसदी की ग्रोथ के साथ 1.20 डॉलर पहुंच गई। बुधवार शाम 5.45 बजे वजीरेक्स में यह करीब 1 डॉलर पर रही। स्थानीय एक्सचेंज में काफी उत्साह नजर आ रहा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो में बड़ा असर नहीं दिखा। बिटकॉइन भी इनमें शामिल है। जानकारों का कहना है कि क्रिप्टो अब कमोडिटी का रूप ले रही है, इसलिए करेंसी की जगह इसे असेट्स मानना बेहतर है।

नुकसान को समायोजित करने का मिलना था अवसर

क्रिप्टो करेंसी में इनवेस्ट करने वाले राम पाठक का कहना है कि सरकार पहले ट्रेडिंग पर रोक लगाने की कोशिश कर चुकी है। अब इसे टैक्स के दायरे में लाते हुए आरबीआइ की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा की है। अभी तो ये ही मान रहे हैं कि टैक्स देना है मतलब करेंसी वैध है। एकता चौधरी का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम पर टैक्स चुकाने में बुराई नहीं है। बेहतर होता कि सरकार इससे होने वाले नुकसान को व्यापार में होने वाला नुकसान मानकर समायोजित करने का मौका भी देती।

एक्सपर्ट व्यू: आरबीआइ चला सकता है करेंसी

जब 30 फीसदी टैक्स की घोषणा हुई तो सभी को लगा कि ये वैध हो गई, जबकि हमारे देश में करेंसी सिर्फ आरबीआइ चला सकता है। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी में रिकॉर्ड होती है। सरकार की मंशा है कि क्रिप्टो करेंसी में हो रहा निवेश देश की आर्थिक गतिविधि में लगना चाहिए। क्रिप्टो की ट्रेडिंग के लिए कोई रेगुलेशन नहीं है और कई करेंसी बंद भी हो चुकी है। आरबीआइ जब डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा तो क्रिप्टो की ट्रेडिंग कमोडिटी के तौर पर होने लगेगी। एक्सचेंज बनाकर इसके लिए सरकार रेगुलेशन भी ला सकती है।

- सीए सुमित सिंह मोंगिया, सेबी पैनल में ट्रेनर