19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब ई-चालान, मैरिज ब्यूरो के फर्जी लिंक से साइबर ठगी, सावधान कहीं आपके पास तो नहीं आ रहे ऐसे मैसेज

Cyber Fraud in MP: पोल खुली तो साइबर ठगों ने बदला ठगी का तरीका, अब मैसेज और फर्जी लिंक भेजकर कर रहे ठगी, आप भी रहें अलर्ट, यहां जानें कैसे मैसेज भेज रहे हैं साइबर ठग

3 min read
Google source verification
Cyber Crime

Cyber Fraud in MP: इंदौर/जबलपुर/सागर. डिजिटल अरेस्ट, मनी लॉन्ड्रिंग और ओटीपी के जरिए लोगों को ठगने वाले साइबर ठगों ने ठगी का तरीका बदल लिया है। अब वे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर बनने वाले ई-चालान और जीवनसाथी की तलाश के लिए मैरिज ब्यूरो के नाम पर फर्जी लिंक भेजकर लोगों को लूट रहे हैं। इंदौर में मैसेज के 'ट्रैफिक वायलेशन नोटिस’ पर क्लिक करते ही मोबाइल ठगों के इशारे पर नाचने लगा और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के खाते से 50 हजार रुपए बिना ओटीपी के निकाल लिए गए। सागर में मैरिज ब्यूरो के नाम पर लिंक भेजकर ठगी की गई।

इंदौर : सॉफ्टवेयर की थी जानकारी, फिर भी लुटा इंजीनियर

सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोनू को 26 फरवरी की सुबह 9 बजे अज्ञात नंबर से वाट्सऐप पर मैसेज मिला। इसमें 'ट्रैफिक वायलेशन नोटिस- इमीडिएट एक्शन रिक्वायर्ड’ लिखा था। मैसेज में चालान नंबर और 1000 रुपए की जुर्माना राशि बताई गई। इसके साथ एक एपीके फाइल भी थी। इसे ठगों ने 'ई-चालान’ ऐप के रूप में पेश किया।

मैसेज में लिखा- हेलमेट या सीट बेल्ट न पहनने पर चालान जारी

मैसेज में लिखा- हेलमेट या सीट बेल्ट न पहनने पर चालान जारी किया है। सोनू को लगा कि हेलमेट या ओवरस्पीडिंग के कारण चालान कटा है। खुद सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के बावजूद वह इस धोखे को समझ नहीं पाए और लिंक पर क्लिक कर एप्लिकेशन इंस्टॉल कर ली।

एपीके फाइल इंस्टॉल होते ही फोन पर एक्टिव हुआ वायरस

एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया, एपीके फाइल इंस्टॉल होते ही सोनू के फोन पर मालवेयर (वायरस) एक्टिव हो गया। इससे मोबाइल का पूरा डेटा हैकर्स को भेज दिया गया। इसके बाद उनके फोन पर बैंक से लगातार राशि कटने के मैसेज आने लगे। सोनू ने खाता चेक किया तो पता चला 16 ट्रांजेक्शन में 50 हजार रुपए निकल गए।

ये रुपए ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन के जरिए खर्च किए गए। उन्होंने बचा हुआ पैसा निकालने की कोशिश की तो बैंक ने ऑनलाइन खाता ब्लॉक कर दिया। शिकायत पर पता चला कि एपीके फाइल मालवेयर थी। इससे फोन का रिमोट एक्सेस साइबर अपराधियों को मिल गया। ऐसे में बिना ओटीपी ही ट्रांजेक्शन होने लगे।

सागर में शादी के नाम पर ऐसे ठगी

सागर जिले के मकरोनिया के आनंद जैन समाज के कई सोशल ग्रुप से जुड़े हैं। शादी के लिए कई वाट्सऐप गु्रप भी बने हैं। इन पर युवक-युवतियों के बायोडेटा शेयर किए जाते हैं। इन्हीं ग्रुप पर मुंबई से आयोजित कराए जाने वाले परिचय सम्मेलन का लिंक मिला। इस पर रजिस्ट्रेशन कर दिया। रजिस्ट्रेशन शुल्क 900 रुपए था, लेकिन बाद में लिंक फर्जी निकला। पुलिस जांच में पता चला कि कई लोगों से लुटेरों ने छोटी-छोटी कर बड़ी राशि लूट ली।

जबलपुर : पुलिसकर्मी बता चालान के नाम पर लूटे रुपए

जबलपुर के संदीप कुमार को फर्जी ई-चालान भेजने के तत्काल बाद कॉल आया। ठगों ने खुद को ट्रैफिक पुलिसकर्मी बता जल्द चालान जमा करने को कहा। एपीके फाइल डाउनलोड कर रुपए जमा करा दिए गए।

ऐसा होता है असली ई-चालान

  • मैसेज संबंधित के मोबाइल पर पहुंचता है।
  • एक प्रति डाक के जरिए घर पहुंचती है।
  • कहां क्या नियम तोड़ा, इसकी जानकारी होती है।
  • नियम तोड़ते हुए तस्वीर, जगह और समय की जानकारी भी दी जाती है।

ऐसे बना रहे निशाना

--मैसेज में रेड लाइट तोडऩे की बात।

--तत्काल 500 रुपए जमा कराने का निर्देश।

-- ई-चालान ऐप की एपीके फाइल्स भेज रहे।

--एपीके के माध्यम से ऐप डाउनलोड हो जाता है।

--इसके बाद आरोपी फोन हैक कर लेते हैं।

अलर्ट… वेबसाइट पहचानें, लुटेरों से बचें

ठग असली वेबसाइट www.echallan.parivahan.gov.in जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाकर गुमराह कर रहे हैं। echallan.parivahan.in या gov.in नहीं लिखा हो, तो समझ जाएं कि फर्जी वेबसाइट है।

त्योहारों पर बन सकते हैं निशाना

साइबर क्राइम विभाग की मानें तो त्योहारों पर ऐसे फर्जी संदेश और बढ़ सकते हैं। इसलिए अनजान नंबर से आए मैसेज पर लिंक करने से पहले जांच करें। केवल www.echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट पर ही ई-चालान से जुड़ी असली जानकारी देखें।

ये भी पढ़ें: हजारों एलईडी की रोशनी से जगमगाएगा एमपी का ये शहर, डस्ट फ्री सड़कें, पिंक टॉयलेट होंगे तैयार