
damage road
Fxअजनोद से गंवला जाने वाली डामरीकृत सड़क पूरी तरह उखड़ कर आवागमन के काबिल नहीं बची है। बड़े वाहनों को निकालकर ले जाना तो ड्राइवरों के लिए जोखिमभरा हो ही गया है। छोटे चार पहिया और दुपहिया वाहनों के लिए भी यह राह अत्यंत खतरनाक हो गई है।
गंवला मार्ग की जर्जर हालत और बड़े-बड़े गड्ढों के कारण इस पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। गंवला निवासी और इस क्षेत्र के जनपद प्रतिनिधि इश्तियाक शेख ने बताया कि यह तीन किमी का मार्ग इतना खतरनाक हो गया है कि अनेक दुपहिया वाहन वाले भी रोजाना गिर रहे हैं और दुर्घटनाग्रस्त होकर जख्मी हो रहे हैं। किसानों की ट्रैक्टर ट्रैलियां भी आए दिन पलटी खा रही हैं।
मार्ग की खस्ता हालत का प्रमुख कारण इसके निर्माण में निम्न स्तरीय निर्माण सामग्री तो रही ही है, साथ ही एक बड़ा कारण यह था कि खामोद और बीसाखेड़ी के मार्गों के निर्माण के लिए जो गिट्टी मुरम या अन्य सामग्री लगी थी वह संबंधित ठेकेदार बड़े और भारी डंपरों में इसी मार्ग से ले गए थे। सैंकड़ों भारी भरकम डंपरों ने इस मार्ग को बुरी तरह रौंद डाला था और इसके बाद अब तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली।
विधायक दे गए भरोसा
पिछले दिनों विधायक राजेश सोनकर गंवला गांव में उर्स में शिरकत करने आए थे और गांव वालों को भरोसा देकर गए थे कि इस मार्ग के पुनर्निर्माण की मंजूरी हो गई है और टेंडर भी निकल गए हैं। काम शुरू होने वाला है मगर अब तक तो ऐसा कुछ भी आभास नहीं हो रहा है। दूसरी ओर इसी मार्ग से लगे बीसाखेड़ी गांव के लिए पहुंच मार्ग की भी हालत दयनीय है। इस मार्ग पर तो कच्ची मुरम के अलावा कुछ भी नहीं डाला गया है। बीसाखेड़ी के लोगों ने भी अपने मार्ग का निर्माण बारिश के पहले करवाने की मांग की है वरन ये तो आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का मन बना चुके हैं।
फौजदारी प्रकरण के लिए जाएंगे न्यायालय में
इश्तियाक शेख ने कहा कि मार्ग को उधेड़कर रख देने वाले डंपरों को उन दिनों रोकने का प्रयास भी किया था। अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की थी। तब अधिकारियों ने तो ध्यान नहीं दिया था अलबत्ता इस मार्गों के ठेकेदार ने जरूर भरोसा दिया था कि खामोद मार्ग पूर्ण हो जाने के बाद इस गंवला मार्ग को अच्छी तरह दुरुस्त करवा देगा, किंतु काम निकलने के बाद न तो ठेकेदार पलट कर आया और न ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस मार्ग की सुध लेने आए। शेख ने चेतावनी दी है कि गंवला मार्ग को हफ्ते भर में दुरुस्त नहीं किया गया तो वह न्यायालय में अपील कर ठेकेदार के खिलाफ फौजदारी प्रकरण कायम करवाएंगे। इसमें संबंधित सरकारी अधिकारियों को भी पार्टी बनाया जाएगा।
Published on:
09 Apr 2018 11:30 am
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