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ईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी हुए बेबस, नहीं बचाई जा सकी सार्थक की जान

15 दिनों से निजी अस्पताल में चल रहा था सार्थक का इलाज..सोनू सूद की मदद से हैदराबाद एयलिफ्ट कर ले जाने की थी तैयारी...

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इंदौर. फिल्म अभिनेता सोनू सूद इंदौर के जिस स्टूडेंट सार्थक गुप्ता की मदद के लिए आगे आए थे वो अब इस दुनिया में नहीं रहा। लॉ स्टूडेंट सार्थक को एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाने की तैयारी थी लेकिन इससे पहले ही सार्थक की सांसें थम गईं। बता दें कि कोरोना संक्रमित सार्थक गुप्ता के दोनों फेफड़े खराब हो गए थे और लंग्स ट्रांसप्लांट किया जाना था। जिसमें 2 करोड़ रुपए का खर्च आना था। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी और उन्होंने मदद की गुहार लगाई थी जिसके बाद सोनू सूद सार्थक की मदद के लिए आगे आए थे।

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एयरलिफ्ट किए जाने से पहले ही टूट गई सांसों की डोर
25 साल के लॉ स्टूडेंट सार्थक गुप्ता का कोरोना संक्रमित होने के बाद से बीते 15 दिनों से इंदौर के अरबिंदो (मोहक) अस्पताल में इलाज चल रहा था। कोरोना संक्रमण के कारण उसके दोनों फेफड़े खराब हो चुके थे और लंग्स ट्रांसप्लाट ही एक इलाज था। सार्थक के पिता नितिन गुप्ता ने बेटे की जान बचाने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी और फिल्म अभिनेता सोनू सूद सार्थक की मदद करने के लिए आगे भी आए थे। सार्थक को हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में सोमवार को एयरलिफ्ट किया जाना था। तैयारियां पूरी हो चुकी थीं लेकिन खराब मौसम के कारण सोमवार को सार्थक को हैदराबाद नहीं ले जाया जा सका। मंगलवार को एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाना था लेकिन इससे पहले ही सुबह 8:30 बजे सार्थक की इलाज के दौरान मौत हो गई।

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7 दिन से वेंटिलेटर पर था सार्थक
बता दें कि सार्थक गुप्ता बीते 7 दिनों से वेंटिलेटर पर था और उसकी हालत काफी खराब थी। उनके फेफड़ा 98 फीसदी खराब हो चुके थे। सीआरपी लेवन भी बढ़ा हुआ था और ऑक्सीजन लेवल भी तेजी से कम हो रहा था। सार्थक मध्यमवर्गीय परिवार से था। पिता नितिन एडवोकेट हैं जिन्होंने एकलौते बेटे की जिंदगी बचाने के लिए जितना हो सका उतना किया और आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई थी। सोनू सूद भी सार्थक की मदद के लिए आगे आए थे लेकिन ईश्वर की मर्जी के आगे सोनू सूद भी बेबस हो गए।

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