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बड़े बाजार की टूटेंगी 75 दुकानें, 3 लाख स्क्वेयर फीट जमीन बेचने की योजना

परिवहन निगम की जमीन बेचने की योजना, मालवा मिल से पाटनीपुरा के बीच फिर होगी तोड़फोड़!, लोग बोले-अब नहीं देंगे बलिदान, एक हिस्से में दुकानें शिफ्ट करेंगे, तीन हिस्से बेचेंगे

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परिवहन निगम की जमीन बेचने की योजना

इंदौर. पाटनीपुरा के पास के बड़े बाजार में कई दुकानें टूटेंगी. राज्य परिवहन निगम की करीब 3 लाख 20 हजार स्क्वेयर फीट जमीन बेचने की योजना बना ली गई है। मालवा मिल से पाटनीपुरा के बीच के 75 दुकानदार व उनके परिवारों के निर्माण तोड़कर पीछे दुकान बनाकर किराये से देने की प्लानिंग है। शेष जमीन बेची जाएगी। इस योजना का लोगों ने विरोध कर दिया है। रहवासियों व दुकानदारों का कहना है कि पहले दो बार बलिदान दे चुके हैं, अब नहीं देंगे।

पाटनीपुरा के पास राज्य परिवहन निगम का डिपो है। कभी यहां वर्कशॉप हुआ करती थी। करीब 3 लाख 20 हजार स्क्वेयर फीट जमीन बेशकीमती है। लोक संपत्ति प्रबंधन बोर्ड ने इस जमीन को बेचने का फैसला लिया है। जमीन मालवा मिल से पाटनीपुरा मुख्य सड़क पर बनी दुकानों के पीछे है। नगर निगम ने जमीन को मुख्य मार्ग पर लाने के लिए यहां के 75 निर्माण तोड़ने का फैसला लिया है। गुरुवार को निगम की टीम यहां नपती के लिए पहुंची तो रहवासी विरोध में आ गए। इस पर अधिकारियों को लौटना पड़ा।

निगम अधिकारियों ने की बैठक
निगम के अधिकारियों नेे रहवासियों-दुकानदारों के साथ बैठक की। निगम के सिटी इंजीनियर अशोक राठौर ने योजना के बारे में व्यापारियों को बताया। इस दौरान सभापति मुन्नालाल यादव, तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर, जोनल अधिकारी उपस्थित रहे। राठौर ने बताया कि 75 दुकान-मकान हटाए जाएंगे। अंदर दुकानें व मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। लॉटरी से दुकानों का आवंटन होगा। दुकान की लागत भी लोगों से ले जाएगी, किराया भी देना होगा। निगम ने यहां 3 लाख 20 हजार स्क्वेयर फीट जमीन में से 80 हजार वर्गफीट पर दुकान व पार्किंग की योजना बनाई है।

शेष 80-80 हजार वर्गफीट के तीन प्लॉट खुले बाजार में बेचे जाएंगे। निगम की योजना पर व्यापारी व रहवासी भड़क गए। मालवा मिल-पाटनीपुरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज सोमवंशी ने कहा कि अब तोड़फोड़ नहीं होने दी जाएगी। 1994 व 2014 में सड़क चौड़ीकरण में लोग अपनी जमीन दे चुके हैं। सभी के पास रजिस्ट्री है। हम परिवहन निगम की जमीन पर नहीं बसे हैं। दो बार बलिदान दे चुके हैं, कर्ज लेकर मकान-दुकान बनाए हैं, अब तोड़ने नहीं देंगे। अन्य व्यापारियों ने भी निगम की योजना का जमकर विरोध किया।