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डिप्टी रेंजर ने लिखा हनुमान जी की कसम मैं निर्दोष हूं और झूल गया फांसी के फंदे पर 

कमलापुर रेंज के डिप्टी रेंजर नारोलिया ने ऊपरी अफसरों पर लगाया इल्जाम और कमरे में फांसी लगाकर दी जान

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Shruti Agrawal

Aug 02, 2017

इंदौर/ देवास. मैं नारोलिया रामेशचंद्र यह अवगत करा देता हूं कि दिनांक 31 जुलाई 17 को दिन में क्राइम ब्रांच दल द्वारा मुझे बताया कि शक की सुइयां आप पर हैं। मुझे रात 12 बजे मेरे परम विश्वसनीय मित्र महादेव दीक्षित ने बताया, सोलंकी साहब भी तुम पर शक कर रहे हैं। मुझे फोन कर के बताया कि चौकीदार तुम्हारा नाम ले रहा है। दीक्षित ने बताया, रेंजर साहब की शंका का समाधान करो, मैं निर्दोष हूं। चोरी के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, इतना बड़ा झूठा इल्जाम सहन करने की क्षमता नहीं है।
मैंने परम इष्ट हनुमानजी की कसम खाकर कहा कि इस घटना से अवगत नहीं हूं। मेरी परिवार से भी बात करने की क्षमता नहीं, यह कृत्य मेरा अंतिम सत्य है। झूठी प्रताडऩा सहन नहीं कर सकता, मैंने कर्तव्य के प्रति कभी लापरवाही नहीं की। परिजन से कहा कि जीवन में गलती हुई हो तो क्षमा करना, मुझे तुमसे बिछडऩे की इच्छा नहीं थी, पर मैं झूठे आरोप सहन नहीं कर पा रहा हूं।

मैंने रेंजर को एक-दो नाम बताए थे तो उन्होंने बोला था कि ये लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं। सत्य बोलने वाले की सुनने वाला कोई नहीं है, मुझे ऐसा लगा रहा है, ईमान व कसम कोई मानता नहीं है। ये सब ईश्वर ही जानता है कि कृत्य किसने किया, बाकी मैंने नहीं किया। संतोष, महेश, ममता तुम्हारा नारोलिया निर्दोष है। यह बात आत्महत्या करने के पहले दो पेज के सुसाइड नोट में डिप्टी रेंजर रमेशचंद्र (58) पिता शोमाजी नारोलिया ने सोमवार रात 12.30 बजे हस्ताक्षर कर लिखी है।

पुलिस ने बताया, नारोलिया ने शासकीय क्वार्टर में लगे पंखे से रस्सी बांधकर फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली। बताया जाता है कि मिलनसार नारोलिया अपनी ईमानदार छवि के लिए पहचाने जाते थे। गौरतलब है कि अज्ञात चोर कुछ दिन पहले रेंज ऑफिस से 12 बोर की 4 बंदूक व 13 कारतूस चोरी कर ले गए थे। अज्ञात चोरों को पकडऩे के लिए पुलिस व वन विभाग की अलग-अलग टीमें जांच कर रही थी। इस मामले में मृतक डिप्टी रेंजर से भी पूछताछ की जा रही थी। नारोलिया के दो लड़के एक शिक्षक व दूसरा मेडिकल स्टोर्स संचालित करता है। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी सुंदरलाल पटेल मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव को देख वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। एएसपी अनिल पाटीदार की उपस्थिति में एफएसएल टीम ने कमरे की सूक्ष्मता से जांच की।


ऐसे मिली जानकारी
नारोलिया के पुत्र ने मंगलवार दिन में भोजन के लिए पिता को फोन लगाया। काफी देर तक नारोलिया ने मोबाइल रिसिव नहीं किया तो पुत्र महेश ने दूसरे परिचितों को फोन कर उन्हे क्वर्टर पर भेजा, जहां दरवाजा अंदर से बंद था। शंका होने पर पुलिस चौकी पर सूचना दी गई। शव को पीएम के लिए बागली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां पीएम के बाद शव परिजन सौंपा दिया गया। अंतिम संस्कार चापड़ा मुक्तिधाम मार्ग पर किया। इस दौरान एसडीओपी दिलीप जोशी, टीआई सुजित तिवारी, बीएस गौरे, चौकी प्रभारी सुंदरलाल पटेल, लीला सोलंकी, वन संरक्षक पीएस चंपावत, आरआर परमार मौजूद थे।

शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। मौत का कारण पीएम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
-अनिल पाटीदार, एएसपी देवास

पुलिस की जांच में किसी भी चौकीदार ने नारोलिया के संबंधित ऐसा बयान नहीं दिया है।
-सुजित तिवारी, टीआई बागली

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