
मल्टीपार्टी बायनरी एक्सेस कंट्रोल का पेटेंट विवि ने लिया
इंदौर. एक साल से विभाग के दो आईटी प्रोफेसर और एमई के छात्र मल्टीपार्टी बायनरी एक्सेस कंट्रोल सिस्टम तैयार किया है। नए सिस्टम से संस्थान के साफ्टवेयर को एक्सेस करने के दौरान लगने वाले रन टाइम को 500 गुना कम किया जा सकेगा। एप्लीकेशन को खुलने में इस सिस्टम से कम समय लगेगा। एक साथ काम करने पर जो लोड बढऩे की वजह से स्पीड धीरे हो जाती थी, उसको यह सिस्टम बढ़ा देगा।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी की टीम को कड़ी मेहनत के बाद बड़ी सफलता मिली है। विभाग के एमई करने वाले उपेंद्र झारिया ने अंतिम वर्ष में एक प्रोजेक्ट शुरु किया जो वरिष्ठ प्रो डॉ. वृंदा टोकेकर और डॉ. विवेक कपूर के मार्गदर्शन में पूरा किया। पिछले माह पेटेंट कार्यालय मुंबई ने उनकी टीम के नाम दर्ज कर दिया है। विवि का यह दूसरा पेटेंट है पूर्व में डॉ. डीएस भिलारे ने कम्प्यूटर नेटवर्किंग पर पेटेंट लिया था।
तीसरी सूची में 70 हजार को प्रवेश
इंदौर ञ्च पत्रिका. अंडरग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने गुरुवार को तीसरी सूची जारी की। इसमें ७० हजार छात्रों को कॉलेज आवंटन किया। होलकर साइंस कॉलेज में बीएससी इन पीसीएम विषय में 91.6 प्रतिशत पर एडमिशन बंद हो गए। कई ब्रांच में भी 86 प्रतिशत से अधिक अंक वाले छात्रों को ही प्रवेश मिल पाया। बची सीटों को सीएलसी से भरा जाएगा। बीए, बीकॉम और बीएससी सहित यूजी कोर्स की 70153छात्रों की सूची में 43363 को मनपसंद कॉलेज मिले, जबकि 14939 छात्रों को दूसरी, 6444 को तीसरी और 2596छात्रों को चौथी वरीयता के आधार पर सीटें दी गईं।
हाइ कोर्ट के डर से हटने लगे अवैध होर्डिंग
इंदौर ञ्च पत्रिका. शहर में लगे अवैध होर्डिंंग-पोस्टर को लेकर हाइ कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर निगम द्वारा इन्हें नहीं हटाने से इनकी बाढ़ सी आ गई। निर्देशों के उल्लंघन को लेकर कोर्ट के सख्त रवैये से डरे निगम ने अब इन्हें हटाना शुरू कर दिया है। हाइ कोर्ट में अवैध होर्डिंग-पोस्टर को लेकर फिर से याचिका दायर हुई थी। इस पर सुनवाई के दौरान निगम ने यह कहकर खुद को बचाया था कि शहर में अवैध होर्डिंग-पोस्टर नहीं लगने
दिए जाएंगे।
आइडीए के टेंडर पर हाइ कोर्ट की रोक
इंदौर ञ्च पत्रिका. केसरबाग ओवरब्रिज शुरू हुए दो वर्ष से अधिक हो गए लेकिन पानी निकासी और रेलवे से जुड़े कई काम बाकी हैं। आइडीए ने ब्रिज बनाने वाली अरविंद टेक्नो कंपनी का अब तक भुगतान नहीं किया है। आइडीए का कहना है, कंपनी का कार्य त्रुटिपूर्ण और अधूरे हैं। इसके लिए आइडीए ने ३४.५० लाख रुपए का टेंडर जारी किए, जो शुक्रवार को खोले जाना थे। टेंडर के खिलाफ कंपनी हाई कोर्ट पहुंची तो गुरुवार को कोर्ट ने टेंडर निकालने पर रोक लगा दी।
Published on:
27 Jul 2018 01:59 am
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