
Shipra River
MP News: सिंहस्थ 2028 को लेकर मध्यप्रदेश सरकार तैयारियों में जुट गई है। महाकुंभ के दौरान मोक्षदायिनी मानी गई मां शिप्रा में स्नान का खासा महत्व है। शिप्रा में इंदौर की कान्ह नदी का गंदा पानी बहकर पहुंचता है। भले ही वह ट्रीटमेंट प्लांट से होकर गुजरता है, लेकिन वह सिर्फ पेड़-पौधों की सिंचाई के उपयोग तक ही सीमित है। इसे रोकने जल संसाधन विभाग ने सांवेर में छह स्टॉप डैम निर्माण की योजना बनाई है। पांच डैम कान्ह नदी और एक शिप्रा नदी के मुहाने पर बनेगा।
सभी के लिए ठेकेदार कंपनियां भी तय हो गई हैं, जिनसे अनुबंध होने जा रहा है। सभी को निर्माण के लिए 15 माह का समय दिया है। कुछ स्टॉप डैम छोटे हैं तो कुछ बड़े हैं। उनके काम पर निगरानी रखी जाएगी ताकि भविष्य में दिक्कत न हो।
तीन स्टॉप डैम हैं जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति हो गई है, लेकिन टेंडर जारी नहीं किए गए। कान्ह नदी के पानी को रोकने के लिए लालाखेड़ा के स्टॉप डैम की 53 लाख में मरमम्त कराई जाएगी। मेकमलमा बैराज सहपुरिया में शिप्रा के पानी को रोकने लिए स्टॉप डैम बनना है तो ग्राम बुढ़ी बरलाई में 14.66 करोड़ की लागत से घाट बनाया जाएगा।
गांव- लागत
ब्राह्मण पिपलिया- 2.69 करोड़ में
दर्जी कराड़िया -2.64 करोड़ में
कुढ़ाना- 1.97 करोड़ में
कायस्थ खेड़ी- 3.43 करोड़ में
शाहदा- 4.32 करोड़ में
फरसपुर घाट- 0.57 (शिप्रा नदी) करोड़ में
Published on:
14 May 2025 03:42 pm
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