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इंदौर में डॉक्टरों पर हुई पत्थरबाजी से बेहद दुखी हुए थे राहत साहब, कहा था- ‘आज गर्दन शर्मिंदगी से झुक गई’

locationइंदौरPublished: Aug 11, 2020 09:49:27 pm

Submitted by:

Faiz

इंदौर में कोरोना की जांच करने पहुंची डॉक्टर्स की टीम पर लोगों द्वारा की गई पत्थरबाजी और जानलेवा हमले से राहत साहब बेहद दुखी हुए थे।

'आज गर्दन शर्मिंदगी से झुक गई'

‘आज गर्दन शर्मिंदगी से झुक गई’

इंदौर/ अपनी शेर-ओ-शायरी से पूरी दुनिया में मोहब्बत और अमन का पैगाम देने वाले मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी का आज शाम 5 बजे कार्डियक अरेस्ट आने के कारण इंदौर के अरोबिंदो अस्पताल में निधन हो गया। 1 जनवरी 1950 को जन्में राहत इंदौरी को सोमवार को निमोनिया की शिकायत होने पर कोरोना की जांच की गई। इसके बाद मंगलवार सुबह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इंदौर के अरोबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसकी सूचना उन्हीं ने ही अपने ट्विटर हैंडल से दी थी और साथ ही, लोगों से उनके स्वास्थ के लिए दुआ करने की भी अपील की थी।

 

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अपने नाम में जोड़ लिया था अपने शहर का नाम

बहरहाल, डॉक्टर राहत इंदौरी को शायरी का शहंशाह तो कहा ही जाता था। साथ ही, वो अपने वतन और शहर से भी खास मोहब्बत रखने वाली शख्सियत थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनका नाम था। खासतौर पर वो अपने शहर से इस कदर मोहब्बत रखते थे कि, उन्होंने अपने नाम में ही अपने शहर का नाम जोड़ रखा था। उनका मानना था कि, दुनिया में जहां-जहां मेरा नाम पहुंचेगा वहां-वहां मेरे शहर का नाम भी पहुंचेगा।

 

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जब दुखी हुए थे राहत साहब

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इंदौर में कोरोना की जांच करने पहुंची डॉक्टर्स की टीम पर लोगों द्वारा की गई पत्थरबाजी और जानलेवा हमले से राहत साहब बेहद दुखी हुए थे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर्स के साथ हुई बदसुलूकी की घटना को निंदनीय बताया था। अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा था कि, ‘आज गर्दन शर्मिंदगी से झुक गई’।

 

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रात 9.30 बजे किया गया सुपुर्दे खाक

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राहत साहब को मंगलवार रात 9.30 बजे इंदौर के छोटी खजरानी कब्रिस्तान में दफनाया गया है। राहत साहब के परिवार ने उनके सभी फेन्स और मुलाकातियों से कहा है कि, ‘आप सबसे गुज़ारिश है के अपने-अपने घरों से ही दुआ करें….।’

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