
हर महीने क्यों बिजली विभाग देता है ग्राहको को ब्याज, जानिए ये है वजह
इंदौर. भारतीय रिजर्व बैंक एवं मप्र बिजली नियामक आयोग की गाइड लाइन पर बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को सवा छह प्रतिशत ब्याज चुका रही है। बिजली कंपनी ब्याज राशि को बिल से कम कर उपभोक्ताओं को लाभ दे रही है। कंपनी के लगभग 50 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलना शुरू हो गया है।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हर माह लगभग 5.45 करोड़ रुपए बतौर ब्याज उपभोक्ताओं को चुका रही है। कंपनी 15 जिलों के ग्राहकों को प्रतिवर्ष 70 करोड़ रुपए ब्याज चुका रही है। हर माह के बिल में जमा राशि एवं उससे मिलने वाले ब्याज का स्पष्ट उल्लेख है।
तीन माह के औसत बिल पर जमा होती है निधि
बिजली कंपनी खपत के आधार पर औसत तीन माह का बिल निकालकर डेढ़ माह के बिल के बराबर सुरक्षा निधि जमा करवाती है। अगर खपत बढ़ती है और तीन माह का औसत बिल बढ़ता है तो उसके डेढ़ माह के बिल की राशि के बराबर सुरक्षा निधि नहीं होने पर बिजली बिल के माध्यम से जमा कराई जाती है।
घरेलू कनेक्शन जमा राशि सालाना ब्याज
एक केवीए 1500 94.25
दो केवीए 3000 188.50
तीन केवीए 4500 282.75
चार केवीए 6000 377
बिल में दे रहे हैं जानकारी
रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अधिकतम ब्याज दर से उपभोक्ताओं को भुगतान कर रहे हैं। हर माह के बिल में सुरक्षा निधि पर मिलने वाले ब्याज को बिल राशि में से कम किया जाता है। बिजली बिल पारदर्शिता से यह जानकारी दी जाती है।
- अशोक शर्मा, अधीक्षण यंत्री, शहर वृत्त
Updated on:
16 Jun 2019 05:09 pm
Published on:
16 Jun 2019 02:39 pm
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