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नगर निगम अफसर के तीन मकानों पर छापा, निकला करोड़ों का मालिक

EOW RAID: इंदौर नगर निगम के निलंबित राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर सहित तीन स्थानों पर EOW की टीम ने छापा मारा ...>

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इंदौर

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Manish Geete

Feb 28, 2025

EOW Raid

EOW RAID: इंदौर नगर निगम के निलंबित राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर सहित तीन स्थानों पर EOW की टीम ने छापा मारा है। शुक्रवार को सुबह से उनके बंगले पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। EOW की टीम के साथ ही घर के बाहर पुलिस बल तैनात है। ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के अनुसार परमार से जुड़ी तीन जगहों पर सर्चिंग चल रही है।

शुक्रवार को सुबह इंदौर के आवास कॉलोनी में Economic Offences Wing (EOW) की टीम के पहुंचने पर हड़कंप मच गया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने नगर निगम के निलंबित राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर और उनसे जुड़े तीन स्थानों पर यह छापे मारे हैं। करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम तीनों स्थानों पर कार्रवाई कर रही हैं। यह कार्रवाई बिजलपुर और कनाड़िया में चल रही है। आवास कॉलोनी में उनके बंगले के बाहर पुलिस बल भी तैनात है। किसी को भी घर के भीतर जाने नहीं दिया जा रहा है, वहीं घर में मौजूद सदस्यों को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

बेलदार से राजस्व अधिकारी तक का सफर

ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के मुताबिक राजेश परमार ने अपने करियर की शुरुआत बेलदार के पद से की थी और बाद में प्रमोशन होते हुए सहायक राजस्व अधिकारी के पद तक पहुंच गया। हाल ही में उसे वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जो उसकी आय और करियर के अनुसार अनुकूल नहीं है। प्रारंभिक तौर पर चार मकानों के बारे में जानकारी मिली है, जिनमें से दो पर कार्रवाई चल रही है। राजेश ने एक मकान करीब 25 लाख रुपए में खरीदा था और बाद में उस पर एक आलीशान भवन बना लिया।

एक मकान में माता-पिता, दूसरे में पूर्व पत्नी

एसपी आरएस यादव के मुताबिक एक मकान में राजेश के माता-पिता रहते हैं, जबकि दूसरे मकान में पूर्व पत्नी रहती है। वर्तमान में उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहरी जांच की जा रही है और आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी संपत्तियों का पता चल सकेगा।

दो बार निलंबित हुआ राजेश परमार

राजेश परमार संपत्तिकर असेसमेंट में गड़बड़ी के कारण 10 फरवरी को सस्पेंड हो गया था। जोन 16 पर एआरओ रहते परमार ने संपत्ति कर असेसमेंट में गड़बड़ी कर कम टैक्स लिया था और उसका खुलासा तब हुआ जब निगमायुक्त शिवम वर्मा ने राजस्व वसूली को लेकर समीक्षा की थी। परमार की गड़बड़ी पकड़ में आते ही निगमायुक्त वर्मा ने उन्हें सस्पेंड कर ट्रेचिंग ग्राउंड भेज दिया। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी थी। जो फिलहाल चल रही है। बताया जा रहा है कि परमार इससे पहले भी एक बार सस्पेंड हुआ था, जब उसने तत्कालीन अपर आयुक्त एसके चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थी। जोन-8 पर एआरओ रहते उन्होंने चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थई।

बगैर अनुमति विदेश यात्रा भी की

इंदौर नगर निगम जोन क्रमांक 8 में एआरओ रहते हुए राजेश परमार ने नए खाते खोले और राशि जमा कर नगर निगम को करोड़ों की राशि की चपत लगाई थी। वे बगैर अनुमति पांच बार विदेश यात्रा भी कर चुके हैं। परमार के बारे में कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने भी महापौर, निगमायुक्त, राजस्व समिति प्रभारी सहित कई अधिकारियों को शिकायत की थी बताया जा रहा है कि राजेश परमार मूलतः दरोगा है, लेकिन जोड़-तोड़ करके प्रभारी एआरओ के पद तक पहुंच गया। जोन क्रमांक 19 में भी पदस्थ रहते हुए शुल्क की वसूली में गड़बड़ी के आरोप परमार पर लगे थे।