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इंदौर। जल्द ही प्लेटफॉर्म नंबर 5 और 6 के रेलवे स्टेशन पर एक एस्क्लेटर और एक लिफ्ट लगाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। यात्रियों को स्टेशन के साइकिल स्टैंड पर पहुंचते ही प्लेटफॉर्म पर जाने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। लंबे समय से लिफ्ट और एस्केलेटर की मांग की जा रही थी। सांसद शंकर लालवानी ने रेलवे से मांग रखी थी।
नेहरू पार्क के सामने स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 5 और 6 है। प्लेटफॉर्म और टिकट लेने जाने के लिए यात्रियों को एक मंजिल चढ़ना पड़ता है। पहली मंजिल पर टिकट खिड़की है। साइकिल स्टैंड से यात्री ऊपर चढ़कर टिकट लेते हैं फिर दूसरी ओर से वापस नीचे उतरकर ट्रेन पकड़ते हैं। इस वजह से एक मंजिल उतरना और एक चढ़ना पड़ती है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को होती है।
कई बार लगेज ज्यादा होने के कारण लोगों के सामने समस्या खड़ी हो जाती है। स्टेशन पर एक लिफ्ट लगी है, लेकिन वह नाकाफी है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया, एस्केलेटर और लिफ्ट लगने से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। लंबे समय से मांग की जा रही थी। प्लेटफार्म नंबर 1 और 4 पर जिस तरह से सुविधा है, वैसे ही यहां भी होगी।
बढ़ जाएगी लागत
रेलवे स्टेशन की 12 हजार यात्रियों की क्षमता के हिसाब से पहले डिजाइन बनाई थी। 2200 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट की तर्ज पर निर्माण किया जाना है। 50 साल की जरूरतों के हिसाब से मार्डन रेलवे स्टेशन के तहत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना है। ऑटोमेशन, एआइ आधारित सर्विसेस, लिफ्ट, एस्केलेटर समेत मॉल, फाइव स्टार होटल और कर्मिशयल कॉम्प्लेक्स बनना है। इससे लागत बढ़ेगी।
पहले सौंदर्यीकरण और फेसिलिटी
नए रेलवे स्टेशन का पीपीपी मॉडल के तहत एक बार में ही निर्माण होना था, लेकिन योजना को बदलते हुए दो चरण में काम करने की योजना बनाई गई। पहले चरण में 450 करोड़ से सौंदर्यीकरण और फेसिलिटी के काम किए जाएंगे। इसके बाद आरक्षण केंद्र और यूनिवर्सिटी तक का हिस्सा पूरा होगा। पहले चरण की 450 करोड़ की लागत 5 और 6 नंबर प्लेटफॉर्म को जोड़ने पर बढ़ सकती है।
Published on:
02 Sept 2022 03:42 pm
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