
इंदौर। संस्कारों की अविरल धारा से नव पीढ़ी का अभिषेक कराने से ही उसका मनुष्य जीवन सफल होगा। किसी भी परिवार की दौलत उसकी संस्कारित युवा पीढ़ी होती है। आज हो यह रहा है कि भावी पीढ़ी के लिए तिजोरियों में धन-दौलत एकत्र की जा रही है। इससे संस्कारों की तिजोरी खाली रह रही है। युवा पीढ़ी को समृद्ध बनाना है तो उनके जीवन में संस्कार रूपी पूंजी जमा करें।
यह उद्गार शांतिकुज हरिद्वार के प्रज्ञा पुराण कथा वाचक पं. श्याम बिहारी दुबे ने व्यक्त किए। वे गायत्री परिवार कनाडिय़ा ट्रस्ट के तत्वावधान में बायपास रोड स्थित वनखंडी हनुमान मंदिर मैदान में आयोजित चार दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ तथा प्रज्ञा पुराण कथा में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने मनुष्य जीवन में परिवार का महत्व और परिवार निर्माण पर ध्यान देने के बारे बताया गया। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दौरान आयोजित संगीतमय प्रज्ञा पुराण कथा में शांतिकुंज के महेश राठौर, हेमलाल, अमरनाथ तथा मनोज संगत कर रहे हैं। वहीं कथा स्थल पर सुबह तथा शाम के सत्रों में गायत्री परिवार से जुड़े भक्त एवं 500 दंपति हवन कुंडों में आहुंतियां भी समर्पित कर रहे हैं। ट्रस्ट एवं आयोजन समिति के शंकरलाल शर्मा, सिद्धार्थ सराठे, संजय सुनेरे ने बताया कि सोमवती अमावस्या के अवसर पर गुरु दीक्षा के साथ अन्य संस्कार भी हुए। जिसमें हजारों की संख्या में परिवारों ने भाग लिया। शाम को यज्ञ स्थल पर दीप महायज्ञ हुआ। जिसमें दीपों से आरती कर विश्व शांति और समृद्धि की मंगल कामना की गई। आज यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ महोत्सव का समापन होगा।
गूंजे जय-जय सियाराम के जयकारे
श्रीराम रथ यात्रा सेवा समिति ने हिंदू सनातन धर्म की अखंडता और एकता के संकल्प को लेकर बड़ा गणपति मंदिर से श्रीराम रथ यात्रा निकाली। यात्रा में हजारों की संख्या में युवाओं ने शामिल होकर सनातन धर्म की अखंडता का संकल्प लिया। राम रथ यात्रा में धर्मगुरुओं के साथ बड़ी संख्या में राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्रों से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे।
समिति आयोजक दीपक सिंह ठाकुर, जय कौशल, सोनू सिसौदिया ने बताया कि श्रीराम रथ यात्रा में युवा भगवा ध्वज हाथों में लिए शामिल हुए। युवा जय-जय सियाराम के जयकारे लगाते और एकता और अखंडता का संदेश देते चल रहे थे।
Published on:
16 Apr 2018 11:53 am
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