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डीएवीवी : कॉपी के पन्ने फाडक़र ले गई छात्रा, अगली परीक्षा में जवाब लिखकर लाई और पिन लगाकर जोड़ दिए

नकल का ऐसा तरीका जानकर उड़ गए प्रोफेसरों के होशयूएफएम कमेटी ने दो साल की परीक्षा पर लगाया प्रतिबंध

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इंदौर

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Hussain Ali

Jul 22, 2022

डीएवीवी : कॉपी के पन्ने फाडक़र ले गई छात्रा, अगली परीक्षा में जवाब लिखकर लाई और पिन लगाकर जोड़ दिए

डीएवीवी : कॉपी के पन्ने फाडक़र ले गई छात्रा, अगली परीक्षा में जवाब लिखकर लाई और पिन लगाकर जोड़ दिए

अभिषेक वर्मा, इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की परीक्षा में नकल के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। कुछ समय पहले मेडिकल की परीक्षा में कान में ब्लूटूथ लगाकर नकल करते पकड़ाए दो छात्रों का मामला चर्चा में रहा था, अब एक ऐसा प्रकरण उजागर हुआ जिसके बारे में जानकर प्रोफेसर और अधिकारियों के होश उड़ गए। मामले की गंभीरता देखते हुए यूएफएम कमेटी ने परीक्षार्थी पर अगली दो साल की परीक्षा के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।

नकल का यह मामला एक आंचलिक केंद्र का है। इस केंद्र से यूनिवर्सिटी को जो कॉपियां मिली उन्हें जांचने के लिए मूल्यांकनकर्ताओं के पास भेजा गया। इन्हीं में से एक कॉपी ऐसी मिली जिसके पन्नों में मूल्यांकनकर्ता को कुछ अंतर दिखा। गौर से देखने पर पता चला कि कॉपी के कुछ पन्ने अलग से पिन लगाकर जोड़े गए थे। खास बात यह थी कि सभी पन्नों पर हैंडराइटिंग एक जैसी थी, लेकिन जो पन्ने अलग से जोड़े गए उनके जवाब बेहद स्पष्ट और सटीक लिखे मिले। यूएफएम कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि छात्रा पूर्व में हुई किसी परीक्षा की कॉपी में से पन्ने फाडकऱ अपने साथ ले गई थी। इन पर पन्नों पर अगली परीक्षा के जवाब लिखकर नई कॉपी में जोड़ दिए।

यूनिवर्सिटी को दी सूचना

संदेह होने पर मूल्यांकनकर्ता ने इस कॉपी को जांचने के बजाय यूनिवर्सिटी को सूचना दी। मूल्यांकन केंद्र पर जब यह कॉपी देखी गई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। दरअसल, ऐसी ही गड़बड़ी रोकने के लिए परीक्षा की कॉपी में पिन लगाने की व्यवस्था बंद करते हुए बारीकी से सिलाई की जाती है। पूरक के तौर पर इस्तेमाल होने वाली कॉपियां भी धागे से बांधी जा रही है। इस प्रकरण को संदिग्ध मानते हुए कॉपी यूएफएम कमेटी के सामने रखी गई।

दो साल का प्रतिबंध सबसे कड़ी सजा

यूएफएम कमेटी की जांच में कॉपी के पन्ने अलग से लगाए जाने की पुष्टि हुई है। आमतौर पर नकल के प्रकरण में एक पेपर निरस्त करने से लेकर एक सत्र की परीक्षा रद्द की जाती है, लेकिन इस प्रकरण को कमेटी सदस्यों ने बेहद गंभीर मानते हुए कड़ी सजा की सिफारिश की। इसके आधार पर छात्रा को आगामी दो साल तक यूनिवर्सिटी की किसी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई।