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हॉल मार्किंग: आधारभूत सुविधाओं का अभाव, प्रदेश में सिर्फ 13 जिलों में शुरू हो सके सेंटर

- सोने के आभूषणों की बिक्री में विश्वसनीयता के लिए केंद्र सरकार ने लागू की थी योजना - देश में भी सिर्फ 256 जिलों में मिल रहे हॉल मार्क वाले जेवर

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हॉल मार्किंग: आधारभूत सुविधाओं का अभाव, प्रदेश में सिर्फ 13 जिलों में शुरू हो सके सेंटर

हॉल मार्किंग: आधारभूत सुविधाओं का अभाव, प्रदेश में सिर्फ 13 जिलों में शुरू हो सके सेंटर

इंदौर. सोने के आभूषणों की बिक्री के कारोबार की विश्वसनीयता के लिए केंद्र सरकार ने हॉलमार्र्किंग की अनिवार्यता 16 जून 2021 से ही पूरे देश में लागू कर दी थी। लेकिन, इन चार महीने बाद भी हॉलमार्र्किंग की अनिवार्यता देश के सिर्फ 256 जिलों में ही लागू हो सकी है। मध्यप्रदेश में भी सिर्फ 13 जिलों में हॉलमार्र्किंग सेंटर शुरू हो सके हैं। बाकी जिलों में अभी भी बिना हॉलमार्क वाले आभूषण ही बेचे जा रहे हैं। हॉलमार्र्किंग सेंटर से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं के अभाव में योजना पूरे देश में लागू नहीं हो पा रही है। सरकार ने जून में दावा किया था कि इस दिपावली पर देश में सभी दुकानों से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की ही बिक्री होगी, लेकिन देश में अब तक सिर्फ 256 जिलों में ही यह व्यवस्था लागू हो सकी है। 90 फीसदी से अधिक कारोबार बिना हॉलमार्क वाले आभूषणों का हो रहा है। यही हालत रहे तो अगले साल तक भी देश के सभी प्रमुख जिलों में हॉल मार्क सेंटर शुरू नही हो सकेंगे।

मप्र सराफा एसोसिएशन की बदली पहचान

हॉलमार्र्किंग की अनिवार्यता के बाद मप्र सराफा एसोसिएशन की पहचान भी बदल गई है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद एसोसिएशन का नाम ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मप्र हो गया है। इसके सचिव संतोष सराफ का कहना है, सरकार ने बिना तैयारी के हॉल मार्र्किंग को अनिवार्य किया है। हम पहले भी इसका इसलिए ही विरोध कर रहे थे कि पहले हॉल मार्र्किंग सेंटर खोले जाएं फिर अनिवार्य हो, लेकिन सरकार ने हमारी नहीं हुई। सराफा कारोबारियों के हॉलमार्र्किंग सेंटरों से रजिस्ट्रेशन को लेकर हालांकि अभी सख्ती नहीं की है। इससे इस दिवाली के कारोबार पर बुरा असर नहीं होगी।

इंदौर में तीन, बाकी जिलों में एक-एक

इंदौर सराफा एसोसिएशन से जुड़े बसंत सोनी ने बताया, मध्यप्रदेश में इंदौर के अलावा जबलपुर, रतलाम, बालाघाट, मैहर, रीवा, सतना, देवास सहित कुल 13 जिलों में हॉलमार्र्किंग अनिवार्य की गई है। यहां सभी सोने के आभूषण हॉलमार्क के बाद ही बिक रहे हैं। इंदौर में हॉलमार्र्किंग के तीन सेंटर हैं, जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में एक-एक सेंटर ही संचालित हो रहे हैं। सेंटर कम होने से सोना कारोबारियों को परेशानी आ रही है। हमने सरकार से मांग की है कि जिलों में हॉलमार्र्किंग सेंटर की संख्या बढ़ाई जाए।