
हाई कोर्ट ने दिया आदेश, 60 दिन में स्टूडेंट्स को वापस करो 2.66 करोड़ रुपए की फीस
इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कॉमन इंटें्रस टेस्ट (सीईटी) रद्द करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही मेरिट के आधार पर दाखिला देने को हरी झंडी मिल गई है।
जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ ने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार 14 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जाना है। ऐसे में सीईटी फिर से कराना संभव नहीं है, इसलिए मेरिट के आधार पर गाइड लाइन के मुताबिक एडमिशन करना गलत नहीं होगा। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को आदेश दिए कि सीईटी के लिए विद्यार्थियों से वसूली गई 2.66 करोड़ रुपए की फीस 60 दिन के भीतर वापस की जाए। शासन की ओर से तर्क रखे कि गड़बडिय़ों के चलते 27 जुलाई को सीईटी को रद्द किया गया। 2017 से पहले यूनिवर्सिटी में मेरिट के आधार पर ही एडमिशन दिए जाते रहे हैं, इसलिए समय की कमी के चलते इस बार इस प्रक्रिया से एडमिशन दे रहे हैं।
यूनिवर्सिटी का यह भी तर्क था कि मप्र विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 7 और 14 के तहत हमें सीईटी के अलावा दूसरे तरीके से भी एडमिशन देने का अधिकार है। आदित्य गिलके ने एडवोकेट अभिषेक गिलके के माध्यम से यह याचिका दायर की थी। मालूम हो, सीईटी में गड़बड़ी के चलते करीब एक माह तक विवि कुलपतिविहीन रहा, नई कुलपति रेणु जैन ने ज्वाइन करने के अगले दिन सीईटी रद्द कर दी थी।
भारी पड़ेगी सीईटी की गड़बड़ी, एडमिशन के लिए 17 हजार में से 7800 ने ही कराए रजिस्ट्रेशन
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) को सीईटी में गड़बड़ी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। 23 जून को सीईटी में गड़बड़ी होने के एक महीने बाद 27 जुलाई को उसे रद्द करने के फैसले के चलते विश्वविद्याल में आने वाले आधे से अधिक विद्यार्थियों ने अन्य यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया है। 17 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के 14 विभागों में एडमिशन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सीईटी की गड़बड़ी के चलते यूनिवर्सिटी की छवि इतनी खराब हुई की मेरिट के आधार पर शुरू हुई एडमिशन प्रक्रिया के लिए सिर्फ 7800 विद्यार्थियों ने ही शुक्रवार को आखिरी दिन तक रजिस्ट्रेशन कराया।
14 विभागों के 65 कोर्स में होंगे एडमिशन
सीईटी रद्द होने के बाद नए सिरे से शुरू की गई एडमिशन प्रक्रिया के तहत 29 जुलाई से 2 अगस्त तक ऑनलाइन लिंक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होना है। आठ अगस्त से काउंसलिंग शुरू होगी। खास बात यह है कि करीब 50 फीसदी विद्यार्थियों ने दो वर्षीय एमबीए कोर्स में दिलचस्पी दिखाई है, जबकि बाकी ने बी कॉम आनर्स, बीबीए, बीए, एमसीए, एमएससी और बीएससी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। काउंसलिंग का एक ही दौर होगा। रजिस्ट्रेशन के आधार पर विवि मेरिट लिस्ट निकालेगा।
Published on:
03 Aug 2019 02:29 pm
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