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#NoCarDay केवल 100 किमी में ही सालभर की ऑक्सीजन खा जाती है कार

इंदौर में शुक्रवार को नो कार डे मनाया जा रहा है। लोग अपनी कारों की बजाए सिटी बस या बाइक में सफर कर रहे हैं। यहां पेट्रोल-डीजल की तीन लाख कारें रजिस्टर्ड हैं। आधी कारों के भी चक्के थम गए तो लाखों लीटर ऑक्सीजन बचा सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कार के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है।

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कार के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा

इंदौर में शुक्रवार को नो कार डे मनाया जा रहा है। लोग अपनी कारों की बजाए सिटी बस या बाइक में सफर कर रहे हैं। यहां पेट्रोल-डीजल की तीन लाख कारें रजिस्टर्ड हैं। आधी कारों के भी चक्के थम गए तो लाखों लीटर ऑक्सीजन बचा सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कार के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है।

इंदौर में शुक्रवार को नो कार डे है। यह कोई सरकारी आदेश नहीं है, लेकिन कार चालकों से अनुरोध किया है कि वे एक दिन कार न चलाकर प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग करें।

बता दें कि वाहनों के ईंधन (पेट्रोल-डीजल) से प्रदूषण फैलने के साथ एक लीटर पेट्रोल की खपत पर 1700 लीटर ऑक्सीजन लगती है। इंदौर आरटीओ में रजिस्टर्ड पेट्रोल-डीजल की करीब 3 लाख कारों में से यदि आधी के भी पहिए थमे तो प्रदूषण नियंत्रण के साथ लाखों लीटर ऑक्सीजन का फायदा होगा।

पर्यावरणविद् डॉ. दिलीप वागेला के अनुसार, डीजल की खपत में प्रति लीटर 2.31 किग्रा कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ-2) उत्पन्न होती है, जबकि पेट्रोल खपत में प्रति लीटर 2.68 किग्रा सीओ-2 निकलती है। एक लीटर गैसोलीन जलाने से लगभग 2.25 किलोग्राम सीओ-2 पैदा होती है।

ऐसे समझें ऑक्सीजन की खपत का गणित
एनजीओ डाउन टू अर्थ के शोध के मुताबिक, आराम के वक्त एक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 500 लीटर तो काम के दौरान एक हजार लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। 10 किमी प्रति लीटर का माइलेज देने वाली कार प्रति लीटर पेट्रोल की खपत पर 1700 लीटर ऑक्सीजन का उपयोग करती है।

पर्यावरण विद ओपी जोशी के मुताबिक शहरी वायु प्रदूषण में 50 से 60 प्रतिशत भूमिका वाहनों की होती है, जिनमें कारें प्रमुख हैं। बसों की तुलना में कारें 10 प्रतिशत यात्रियों को ही सुविधा देती हैं, लेकिन यातायात जाम में इनकी भूमिका 50 प्रतिशत से ज्यादा आंकी गई है। हमारे देश में कार व दो-पहिया वाहन शहरों की 60 से 80 प्रतिशत सड़कों को घेर रहे हैं, जबकि इसमें यात्रा करने वाले 15 से 20 प्रतिशत होते हैं।

एक कार 100 किलोमीटर चलने पर सालभर की ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं— जोशी के अनुसार बसें शहर की 20-25 प्रतिशत जगह घेरकर 50 से 60 प्रतिशत यात्रियों को सफर करवाती हैं। एक कार 100 किलोमीटर चलने पर जितनी ऑक्सीजन का उपयोग ईंधन के दहन में करती है, उतनी ऑक्सीजन एक व्यक्ति को वर्षभर के लिए पर्याप्त होती है।

किस देश में क्या स्थिति
● स्टॉकहोम व लंदन में यातायात के व्यस्त समय में कार चलाने पर अतिरिक्त कर देना होता है।
● पेरिस में सप्ताह में एक दिन कार फ्री डे रखा जाता है।
● जकार्ता और तेहरान जैसे कुछ शहरों में साप्ताहिक कार-मुक्त दिन होते हैं।