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एमपीआरडीसी की टोल सड़क पर आइडीए का डबल डेकर एस्टीमेट में फंसा, 28 करोड़ ज्यादा के आए टेंडर

दूसरी बार भी नहीं मिली कांट्रेक्टर कंपनी, फिर करेंगे टेंडर पहली बार में आई एक कंपनी, दूसरी बार में दो आई, लेकिन एस्टिमेट से 15 फीसदी ज्यादा मांगे सवाल - गैर योजना मद में इतनी कास्ट का ब्रिज कैसे बनेगा? एमपीआरडीसी की टोल रोड पर आइडीए ब्रिज बनाने को क्यों आतुर?गड़बड़ाया एस्टिमेट - आइडीए का टेंडर 139 करोड़, अहमदाबाद की कंपनी ने भरे 167 तो हैदराबाद की कंपनी ने 165

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इंदौर

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Sandeep Pare

Apr 05, 2023

एमपीआरडीसी की टोल सड़क पर आइडीए का डबल डेकर एस्टीमेट में फंसा, 28 करोड़ ज्यादा के आए टेंडर

एमपीआरडीसी की टोल सड़क पर आइडीए का डबल डेकर एस्टीमेट में फंसा, 28 करोड़ ज्यादा के आए टेंडर

इंदौर. मप्र रोड डेवलमेंट कार्पोरेशन की इंदौर-उज्जैन रोड पर लवकुश चौराहे पर आइडीए द्वारा प्रस्तावित डबल डेकर फ्लाय ओवर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। दो बार टेंडर किए, लेकिन दोनों बार बात नहीं बनी। पहली बार सिर्फ हैदराबाद की कंपनी ने हिस्सा लिया। दूसरी बाद हैदराबाद और अहमदाबाद की कंपनियों ने रूचि दिखाई, लेकिन मामला एस्टिमेट कास्ट को ले कर फंस गया। आइडीए द्वारा 139 करोड़ की लागत से निर्माण का टेंडर जारी किया। जबकि दोनों कंपनियों ने 15 फीसदी ज्यादा राशि के टेंडर भरे, जो तकनीकी व फाइनेंशियल स्तर पर खरे नहीं उतरे हैं।

आइडीए वर्तमान में लवकुश चौराहे पर सुपर कॉरिडोर व एमआर-10 को जोड़ते हुए मेट्रो ट्रैक के सामान्तर फ्लाई ओवर का निर्माण कर रहा है। भविष्य में इस चौराहे पर ट्रैफिक व्यस्तता और आगामी सिंहस्थ को देखते हुए आइडीए ने यहां पर इंदौर-उज्जैन रोड पर फ्लाय ओवर प्लान किया, यह फ्लाय ओवर वर्तमान के उपर से जाएगा। इसकी उंचाई करीब 66 फीट उंचाई लिए होगी। इसकी डिजाइन और एस्टिमेट तैयार कर दो बार टेंडर जारी किए। पहली बार में आईजेएम हैदराबाद ने टेंडर भरा था। सिंगल टेँडर होने से दोबारा कॉल किए गए।

उम्मीद कम की ज्यादा के आए

इस बार दो कंपनियों ने रूचि दिखाई, लेकिन दोनों ने आइडीए की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अफसरों को उम्मीद थी, फूटीकोठी, लवकुश, खजराना की तरह इस बार भी एस्टिमेट से कम के टेंडर आएंगे। कंपनियों ने करीब 15 फीसदी ज्यादा कीमत मांगी। अहमदाबाद की जे मिस्त्री ने 167 व आइजेएम हैदराबाद ने 165 करोड़ का टेंडर भरा। दोनों तकनीकी व फाइनेंशियल कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। अफसरों के अनुसार अब तीसरी बाद फिर टेंडर जारी किया जा रहा है।

गैर योजना मद में बनेगा

सूत्रों के अनुसार यह डबल डेकर आइडीए की योजना क्षेत्र से अलग बना रहे हैं। इसलिए राशि की व्यवस्था गैर योजना मद से करना होगी। जानकारों का कहना है, इंदौर-उज्जैन रोड पर एमपीआरडीसी टोल वसूल रहा है। इसलिए सुविधा उसे देनी चाहिए। दूसरी बात भविष्य में सिंहस्थ मद से रोड के लिए राशि मांगी जा सकती है, ऐसे में आइडीए द्वारा इतनी बडी राशि का उपयोग फिलहाल दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में किया जा सकता है।