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इंदौर

IIFA Award 2020 : आयोजन पर खर्च होंगे 73 करोड़, खजाने से नहीं इस तरह रकम जुटाएगी सरकार

आइफा अवार्ड के लिए 73 करोड़ रुपये खर्च आएगा, जबकि खजाना खाली है। हालांकि, अब सरकार के पर्यटन मंत्री की ओर से बयान सामने आया है कि, आईफा अवॉर्ड पर खर्च की जाने वाली राशि सरकारी खजाने से नहीं ली जाएगी।

इंदौरFeb 14, 2020 / 03:04 pm

Faiz

IIFA Award 2020

IIFA Award 2020 : आयोजन पर खर्च होंगे 73 करोड़, खजाने से नहीं इस तरह रकम जुटाएगी सरकार

इंदौर/ आगामी माह की 27 से 29 तारीख के बीच मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आईफा अवॉर्ड -2020( IIFA Award 2020 ) होने जा रहा है। ये बात तो सभी जानते हैं कि, आयोजन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोरों शोरों पर शुरु भी की जा चुकी हैं। अकसर लोगों के मन में ख्याल आ रहा है कि, प्रदेश सरकार राजकीय खजाने से आईफा पर पैसे खर्च कर रही है, जबकि राजकोष खाली है। विपक्ष भी इसे लेकर सवाल उठाता रहा है कि, आइफा अवार्ड के लिए 73 करोड़ रुपये खर्च आएगा, जबकि खजाना खाली है। हालांकि, अब सरकार के पर्यटन मंत्री की ओर से ये स्पष्ट किया गया है कि, आईफा अवॉर्ड पर खर्च की जाने वाली राशि सरकारी खजाने से नहीं ली जाएगी।

 

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प्रायोजक उठाएंगे सरकार के हिस्से का खर्च

पर्यटन विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल के मुताबिक, अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश सरकार के पर्यटन विकास निगम और मुंबई की विजक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा मिलकर किया जा रहा है। आयोजन में होने वाले खर्च का भार दोनों को बराबर व्यय करना होगा। इस हिसाब से राज्य सरकार के खाते में आने वाला खर्च लगभग 35 करोड़ रुपये से अधिक होगा। मंत्री ने बताया कि, इस रकम को सरकारी खजाने से नहीं बल्कि प्रायोजकों के माध्यम से जुटाया जाएगा। आईफा के लिए प्रायोजकों से तय किया गया है कि, उन्हें कम से कम पचास लाख रुपए का एक टिकट खरीदना होगा। ये स्पॉन्सर्स एड के माध्यम से अपने फायदे नुकसान का आंकलन करेंगे, जबकि टिकट लेकर सरकार की जरूरत के अनुसार रकम इकट्ठा करने में मदद करेंगे।

इसके लिए पर्यटन विकास निगम और विजक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आइफा पर होने वाले खर्च खर्च का पूरा ब्योरा तैयार कर लिया है। इसके साथ ही पर्यटन विकास निगम और विजक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के बीच राशि खर्च करने को लेकर अनुबंध भी हो गया है। इसके मुताबिक तीन दिवसीय आइफा अवार्ड कार्यक्रम पर 73 करोड़ रुपये राशि खर्च होगी। इसमें 35 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार को जुटाना होंगे। साथ ही, शेष राशि विजक्राफ्ट कंपनी देगी। इसे लेकर सरकार ने प्रायोजकों से चर्चा भी कर ली है। तय मापदंडों के आधार पर सरकार को करीब 32 करोड़ राशि प्रायोजकों ने देने पर भी सहमति मिल गई है। हालांकि, अब भी शेष बची 3 करोड़ राशि सरकार को जुटानी है, जिसकी व्यवस्था की जा रही है।

 

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इस तरह बाजार को भी होगा बड़ा फायदा

एक तरफ विपक्ष आइफा को सरकार की ओर से की जा रही फिजूल खर्ची बता रहा है, वहीं आर्थिक जानकार इसे फायदे का सोदा बता रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पहली बात ये हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि, जो आयोजन अब तक मुंम्बई या विश्व के के बड़े शहरों में होता था, इस बार वो मध्य प्रदेश में होने जा रहा है। कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि, आइफा से होने वाली लाभ या हानि सरकार को कितनी होगी ये समय बताएगा। लेकिन, इससे लोकल बाजार को बड़ा लाभ होगा। यानि प्रदेश के बाजार में पैसों का रोटेशन बढ़ेगा। यहां दूर दूर से आने वाले लोग ठहरने, खाने, ट्रेवलिंग करने आदि चीजों पर खर्च करेंगे। इससे बाजार में पैसों का रोटेशन बढ़ेगा। यानि इसका लाभ सिर्फ आयोजकों को ही नहीं मिलेगा ये इंदौर और भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों के लिए फायदेमंद होगा।

 

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तीन दिवसीय होगा कार्यक्रम

अब तक की गई तैयारियों के मुताबिक, अवार्ड कार्यक्रम तीन दिवसीय होगा। 21 मार्च को इसकी शुस्र्आत राजधानी के मिंटो हॉल से की जाएगी। इसमें स्थानीय कलाकारों के नृत्य होंगे। इसका उद्देश्य प्रदेश के कलाकारों को बॉलीवुड के लिए प्लेटफॉर्म खोलना है। सरकार द्वारा इस आयोजन में आने वाले महमानों को आमंत्रण देकर बुलाया जाएगा। इसके अलावा, 27 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस होगी, मीडिया और इंटरटेनमेंट समिट, ग्रीन कारपेट और फैशन शो होगा, जिसके जरिये मध्य प्रदेश के पारिधानिक कल्चर को देश विदेश के बीच प्रस्तुत किया जाएगा। 29 मार्च को मीडिया और इंटरटेनमेंट समिट के बाद रात्रि आठ बजे से आइफा अवार्ड आयोजित किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने के लिए टिकट की अनिवार्यता रहेगी, जिसकी ऑनलाइन बिक्री 20 फरवरी से शुरु होगी।

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