
(फोटो सोर्स: पत्रिका)
MP News: अब कैंसर, एलर्जी और डिप्रेशन की दवाएं बनाने में न भारी खर्च होगा और न ही हानिकारक केमिकल की जरूरत पड़ेगी। आइआइटी इंदौर के वैज्ञानिकों ने ऐसा स्मार्ट तरीका खोज निकाला है, जिससे सिर्फ नीली रोशनी (विजिबल लाइट) की मदद से दवाओं के अहम केमिकल आसानी से बनाए जा सकेंगे। यह तरीका सुरक्षित और किफायती होने के साथ पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है।
आइआइटी इंदौर की रिसर्च में नाइट्रोजन युक्त केमिकल कपाउंड बनाए गए हैं, जिन्हें दवाओं की दुनिया में हेटरोसाइकिल कपाउंड कहा जाता है। ये कपाउंड एलर्जी, कैंसर, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी और सूजन जैसी बीमारियों के इलाज की दवाओं के लिए जरूरी होते हैं।
रिसर्च टीम अब उन केमिकल्स पर काम कर रही है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों, सूजन और सेल डैमेज जैसी समस्याओं का इलाज कर सकें। आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा, यह रिसर्च दिखाती है कि कैसे विज्ञान से तकनीक व पर्यावरण को साथ लेकर चला जा सकता है। परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. उमेश क्षीरसागर ने बताया, हमारा मकसद ऐसी प्रक्रिया बनाना था जो सस्ती, असरदार और पर्यावरण के अनुकूल हो। हमने यह कर दिखाया है।
Published on:
04 Jul 2025 01:12 pm
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