
Organ transplant
Organ transplant एमपी में आम लोग अब अंग प्रत्यारोपण की अहमियत जान चुके हैं। यही कारण है कि शरीर और शारीरिक अंगों का दान करनेवालों की संख्या में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है। इसके लिए लोग खुद आगे आ रहे हैं। ऐसा ही एक केस तब सामने आया जब शरीर का एक अहम अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष विमान से भेज गया। जबलपुर से विमान से भेजे गए इस अंग के लिए इंदौर में एक बार फिर ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया और अस्पताल में भर्ती एक मरीज को प्रत्यारोपित कर दिया गया।
रोड एक्सीडेंट के बाद जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती पूरन लाल चौधरी को डाॅक्टरों द्वारा ब्रेनडेथ घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उनके परिजनों ने शरीर के अहम अंगों का दान करने का फैसला लिया।
परिजनों ने स्वर्गीय पूरनलाल चौधरी की दोनों किडनी, आंखे और त्वचा दान करने की इच्छा व्यक्त की। इस पर तुरंत सभी प्रक्रिया पूरी की गईं। इसी के साथ 51 वर्षीय चौधरी ने एक साथ कई लोगों को जीवन दे दिया।सड़क हादसे के बाद पूरनलाल चौधरी जबलपुर में हॉस्पिटल में भर्ती थे। डाॅक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेथ घोषित कर दिया तो परिजनों ने चौधरी के अंगदान करने की इच्छा जताई। इसके बाद चौधरी की दोनों किडनी, आंखे और त्वचा दान की गईं। एक किडनी जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में भर्ती महिला को प्रत्यारोपित की जा रही है।
दूसरी किडनी जबलपुर से इंदौर के लिए भेजी गई जिसके लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया। जबलपुर से इंदौर तक किडनी को पीएमश्री वायु सेवा के विशेष विमान से लाया गया। इंदौर एयरपोर्ट से किडनी को बांबे अस्पताल ले जाने के लिए ट्रैफिक रोककर ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया और फिर उसका प्रत्यारोपण का काम भी शुरू कर दिया गया।
राज्य सरकार की पीएम श्री वायु पर्यटन सेवा के विशेष विमान से किडनी इंदौर लाई गई। ग्रीन काॅरिडोर बनाकर महज 18 मिनिट में किडनी को एयरपोर्ट से अस्पताल ले आया गया। बताया जा रहा है कि इंदौर में सबसे ज्यादा अंग दान हो रहे है। इस बार यहां 63 वां ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया।
Updated on:
07 Oct 2025 05:11 pm
Published on:
07 Mar 2025 05:08 pm
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