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सख्ती के बावजूद कॉलेजों में गलत आवंटित की थी 33 एमबीबीएस सीट

विद्यार्थी परिषद के विरोध के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निरस्त की थी सीटें, कोर्ट ने भी नहीं दी थी राहत

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income tax raid

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इंदौर@ न्यूज टुडे
आयकर विभाग द्वारा कल भदौरिया ग्रुप पर प्रदेशभर में एक साथ कार्रवाई की गई। इसके बाद आज दस्तावेजों की छानबीन की जाएगी। इसके साथ ही भदौरिया ग्रुप के सुरेश भदौरिया के कई पुराने मामले भी सामने आएंगे।

गौरतलब है कि लंबे समय से मेडिकल क्षेत्र में भदौरिया का दबदबा रहा है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में कई बार एमबीबीएस सीटें बेचने के आरोप लगे हैं। इसके चलते डोनेशन के नाम पर भी लाखों रुपए लिए गए हैं। इनका इस्तेमाल अलग-अलग व्यापारों में किया गया है। इसके चलते शराब, रियल एस्टेट व अन्य कामों में भदौरिया ने पिछले कुछ सालों में ही करोड़ों रुपए की संपत्ति बना ली। आयकर विभाग को लंबे समय से कई गड़बडिय़ों की शिकायत मिल रही थी। करीब एक माह पहले से अधिकारी छापे की योजना बना रहे थे जिसे कल अंजाम दिया गया। कार्रवाई आज भी जारी रहेगी और दस्तावेजों से संंबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी।

नियमों का उल्लंघन
10 सितंबर को मॉप-अप राउंड में 94 एमबीबीएस की सीटें खाली थीं। जिनके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेरिट लिस्ट जारी की थी। प्राइवेट कॉलेजों को इसी सूची से छात्रों को एडमिशन देना थे। सूची में 422 अंक तक के छात्रों के नाम थे। यानी इससे कम अंक वालों को एडमिशन मान्य नहीं थे, लेकिन भदौरिया के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज और अमलतास मेडिकल कॉलेज ने 422 से कम अंक वाले छात्रों को प्रवेश दे दिया था। इस आधार पर यह एडमिशन निरस्त किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद वे छात्र भी कोर्ट पहुंचे, जिनके एडमिशन निरस्त किए गए। वहीं उन छात्रों ने भी कोर्ट की शरण ली जिनका मेरिट में नाम होने के बावजूद एडमिशन नहीं दिया गया। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद माना कि एडमिशन नियम विरुद्ध दिए गए हैं। शासन ने दोनों कॉलेजों की ३३ सीटें निरस्त कर दी थी। इसके चलते कॉलेजों में हंगामा भी हुआ था।

जैन के संबंधों की भी निकाल रहे जानकारी
आयकर विभाग द्वारा कल शेयर ब्रोकर का काम करने वाले दिलीप जैन के यहां भी छापे मारे थे। विभाग को जानकारी मिली है कि दिलीप द्वारा हाई प्रोफाइल लोगों से धन लेकर उसे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में उपयोग किया जाता है। इसके चलते विभाग के अधिकारी कल की कार्रवाई के बाद अब संबंधों को तलाशने की तैयारी कर रहे हैं। इसके चलते जैन से जुड़े लोग भी शिंकजे में आ सकते हैं। विभाग के अधिकारियों को निवेशकों में से जिसके दस्तावेजों में गड़बड़ मिलेगी उसकी भी जांच की जाएगी।