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सबसे ज्यादा ‘बार’ वाला शहर बना इंदौर, एयरपोर्ट पर भी शराब बिक्री की मिली अनुमति

कैसे होगी नशे की हार: बिक्री पर जोर, 20 फीसदी बढ़े बार...शराब की रोकथाम महज दिखावा, पिछले दरवाजे से बढ़ा दी बिक्री

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इंदौर। प्रदेशभर में नशे की रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले दरवाजे से शराब की दुकानें बढ़ा दी गई हैं। इंदौर में वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 173 ग्रुप को शराब दुकानों का ठेका दिया गया, लेकिन बाद में धीरे-धीरे बिक्री बढ़ाने के लिए बारों की संख्या बढ़ा दी गई। करीब 20 फीसदी बार शहर में बढ़ गए हैं। अंगूरवाली वाइन की शराब भी पिछले साल के मुकाबले लगभग डबल कर दी गई है तो अब एयरपोर्ट पर शराब दुकान के साथ ही बार खोलने की भी अनुमति मिल गई है। अधिकारियों का तर्क है कि आबकारी नीति के तहत ही सारा काम चल रहा है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 173 ग्रुप को शराब दुकानों के ठेके 1270 करोड़ रुपए और अन्य करीब 200 करोड़ में दिए गए, जो पिछले साल से करीब 15 प्रतिशत ज्यादा है।

एयरपोर्ट पर शराब दुकान के साथ बार भी

देवी अहिल्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 2 लाख रुपए वार्षिक लाइसेंस दर पर शराब दुकान खोलने की अनुमति भी दे दी गई है। जल्द यहां एफएल 2 स्तर का बार शुरू किया जाएगा। सहायक आबकारी आयुक्त राजेश राठौर के मुताबिक, शासन की नीति के तहत ही शराब दुकानें और बार को अनुमति मिली है। एयरपोर्ट पर दुकान खोलना भी नीति का हिस्सा है।

माइक्रो प्लांट व होम बार का विकल्प, पर किसी ने नहीं ली रूचि

नई आबकारी नीति में बड़ी होटलों के लिए माइक्रो ब्रेवरी प्लांट लगाने का विकल्प दिया गया है। यानी खुद शराब बनाकर बेच सकते हैं। हालांकि, एक प्लांट का औसत खर्च दो करोड़ रुपए है, इसलिए किसी ने इसे लेने की इच्छा नहीं जताई। इसी तरह होम बार का भी विकल्प दिया गया है, लेकिन कोई आवेदन नहीं आया अन्यथा शराब की बिक्री और बढ़ जाती।

इस तरह बढ़ रही शराब की खपत

- शराब दुकानों के ठेके देने के बाद मदिरा की बिक्री बढ़ाने का खेल पिछले दरवाजे से चल रहा है। पहले एक शराब दुकान बढ़ाने की घोषणा होती थी तो पूरे शहर में विरोध शुरू हो जाता था। इससे बचने के लिए अब नया तरीका अपनाया गया है।

- आबकारी नीति में शहरी क्षेत्र की शराब दुकानों में विदेशी बोटलिंग शराब (बीआइओ) भी बेचने की अनुमति अलग से दे दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र में रोक है। पिछले साल शहर में करीब 97 बार थे, अब संख्या बढ़कर 120 हो गई है। 20 फीसदी की वृद्धि हुई। एक बार से वार्षिक साढ़े 12 लाख रुपए लाइसेंस फीस मिलती है। तर्क है, व्यावसायिक राजधानी है, इसलिए यहां ज्यादा बार खुलती है।

-रतलाम में बनने वाली अंगूर की वाइन दुकान पिछले साल 4 थी, इस साल बढ़कर 9 हो गई है। निर्माता किसानों को फायदा पहुंचाने का उद्देश्य बताकर इसके नए आउटलेट खोले गए। साल की फीस मात्र 10 हजार है।

- शहर में 18 क्लब एंड बार हैं जहां एमएल 4 स्तर के बार के लाइसेंस हैं।