
दोस्तों के साथ विदेश व गोवा मेें मना चुका है कई पार्टियां
इंदौर. अमरीकियों से ठगी के आरोपी रवि रामी को क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। वह करीब दो साल से फरार था। वह फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से अमरीकियों को ठग रहा था। लसूड़िया इलाके में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर को पुलिस ने पकडा था। कॉल सेंटर के जरिए अमरीकी लोगों को सोशल सिक्युरिटी कार्ड निरस्त करने की धमकी देकर डराते हुए रुपए वसूले जा रहे थे।
पता चला है कि अमरीकियों से ठगे करोड़ों रुपए से आरोपी रवि रामी दोस्तों के साथ विदेश व गोवा में पार्टियां करने में लाखों खर्च कर रहा था। उसने ठगी की राशि से ही अहमदाबाद में आलीशान बंगला भी बना लिया था। हवाला के रैकेट में कई लोग शामिल थे जिनके जरिए वह राशि विदेश से यहां लाता था।
आरोपी अमरीकी लोगों से उनके देश के हिसाब से गिफ्ट बाउचर खरीदवाते और हवाला के जरिए उसकी राशि देश में लाते थे। डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक यहां के कॉल सेंटर के जरिए रवि के पास करीब 10 करोड़ से ज्यादा की राशि गई है। रवि गोवा में पार्टी मना रहा था पुलिस वहां पहुंची तो अहमदाबाद चला गया जहां से उसे पकड़ा गया। आरोपी का आलीशान बंगला देखकर पुलिस भी दंग रह गई। पता चला कि वह लगातार विदेश और गोवा में रहकर अय्याशी पर पैसा खर्च करता था।
डीसीपी अग्रवाल के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि आरोपियों की टीम तीन स्तर पर काम करती थी। पहले स्तर पर अमरीकी लोगों को कॉल कर अमरीकी एसेंट में बात की जाती थी ताकि उन्हें लगे कि कोई स्थानीय एजेंसी का व्यक्ति बात कर रहा है। कॉल कर सोशल सिक्युरिटी कार्ड ब्लॉक करने की बात यह टीम करती। इस टीम का प्रभारी हर्ष भावसार था जो पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
जब अमरीकी धमकी से घबरा जाता तो मुख्य आरोपी करण भट्ट की टीम उन्हें अपने जाल मेें फंसाती और गिफ्ट बाउचर आदि तरीके से पैसा जमा करने के लिए कहती। करण भी पकड़ा जा चुका है। तीसरी टीम का काम अमरीकी द्वारा दी जाने वली राशि को हवाला के जरिए देश में लाना होता था। इस नेवटर्क का प्रभारी आरोपी रवि रामी था। केस दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था।
डीसीपी ने बताया आरोपी से पूछताछ में पता चला कि अमरीकियों को डराकर वे चीन हांगकांग.सिंगापुर में अलग अलग लोगों के नाम से खोले गए बैंक खातों में राशि जमा करवाते और फिर अहमदाबाद का एक युवक आरोपी के साथ मिलकर हवाला के जरिए पैसा बुला लेता था। बदले में उसे 10 से 20 प्रतिशत का कमीशन दिया जाता था। इस व्यक्ति की भी जानकारी ली जा रही है। इसमें एफबीआइ की मदद से ठगाए अमरीकियों के बयान भी हो चुके हैं।
Published on:
02 Jul 2023 01:26 pm
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