
पीथमपुर (इंदौर)। केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए बजट में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, धार, आलिराजपुर जिलों में रेल लाइन के विस्तार पर खासा ध्यान दिया गया है। रेल बजट में इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए 440 करोड़ और धार-आलिराजपुर व्हाया छोटा उदयपुर के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इंदौर-दाहोद रेल लाइन का काम 2008 से प्रारंभ किया गया था, लेकिन बजट व काम की धीमी गति के चलते यह रेल लाइन प्रोजेक्ट खटाई में पड़ता दिख रहा था, लेकिन पिछले साल बजट में इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए 263 करोड़ रुपए का प्रावधान कर टीही से धार के बीच टनल बनाने का काम प्रारंभ किया। कई छोटे-बड़े पुलों के टेंडर आमंत्रित रेलवे द्वारा किए गए थे। वहीं छोटा उदयपुर रेल लाइन पर छोटा उदयपुर से अलीराजपुर तक रेल लाइन प्रारंभ कर दी गई थी, जिसके बाद से इस रेल लाइन पर निरंतर कार्य जारी रहा और वर्तमान में अलीराजपुर जिले के जोबट क्षेत्र तक रेल लाइन का विस्तार किया जा रहा है। लेकिन इंदौर दाहोद रेल लाइन के लिए दाहोद से झाबुआ तक महज 20 किमी तक ही कार्य किया गया।
इसके बाद झाबुआ से धार तक रेल लाइन का कार्य बिलकुल भी नहीं नहीं किया गया। वही भूमि मुआवजा तक नहीं दिया गया। ऐसे में इंदौर-दाहोद रेल लाइन का सपना क्षेत्र के लोगों के लिए सपने के सामान हो गया था, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने एक बार फिर इस परियोजना के लिए 265 करोड़ रेल बजट में प्रावधान कर आदिवासी क्षेत्र झाबुआ और धार के लोगों में रेल लाइन के प्रति उम्मीद जगाने का काम किया है।
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रेल लाओ महासमिति संयोजक दिलीप सिंह वर्मा ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से मांग की है की इस बजट राशि से झाबुआ की ओर से रेल लाइन बिछाने का काम प्रारंभ किया जाएं। ताकि दाहोद से झाबुआ के बीच रेल लाइन जल्दी से प्रारंभ हो। इन लाइनों के बिछ जाने से झाबुआए धार और अलीराजपुर जिलों का सीधा संपर्क गुजरात से हो जाएगा और इससे लोगों को सुविधा तो मिलेगी ही वहीं रोजगार के अवसर भी क्षेत्र में बढ़ जाएंगे। आदिवासियों के पलायन पर रोक लगेगी। मध्य प्रदेश के इस बजट में कुल तीन रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए 1353 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
रेल परियोजना एक नजर में
● इंदौर-दाहोद रेल परियोजना की लागत 1640 करोड़ रुपए आंकी गई है। हालांकि अब इसकी लागत और भी अधिक हो गई है।
● मार्च 2020 तक इस रेल परियोजना के तहत करीब 740 करोड़ रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं।
● रेल परियोजना की लंबाई करीब 205 किलोमीटर है।
● 2020 में वर्ष के लिए बजट में 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
● 2021 में मात्र 20 करोड़ 2022 में 265 करोड़ मिले थे। 2023 में 450 करोड़ रुपए मिले हैं।
यह काम है निर्माणाधीन
● पश्चिमी रेलवे बोर्ड अधिकारी के अनुसार मार्च से अप्रैल के बीच लगाए 522 करोड़ के टेंडर का काम एक साथ चलेंगे। साथ ही टीही टनल से लगाकर पुल-पुलिया बनेगी।
● रेलवे बोर्ड ने टीही से गुणावद तक 32 किमी में पटरी बिछाने के लिए 143 करोड़ का पहला टेंडर लगाया था, जो ठेकेदार को 15 माह में पूरा करना है।
● खरमौर अभ्यारण्य के आगे जमीन अधिग्रहण के लिए 7.5 करोड़ की प्रक्रिया जारी है।
● पीथमपुर में बन रही टनल का 2.9 किमी का काम 132 करोड़ में पूरा होगा। इसके लिए भी 15 माह की टाइम लिमिट तय है।
● इसके अतिरिक्तटीही से धार के आगे तिरला तक बिजली लाइन के लिए 128 करोड़ खर्च कर काम होगा। जबकि पीथमपुर, सुलावड़, गुणावद धार और तिरला में स्टेशन के लिए भी प्रक्रिया जारी है।
Updated on:
07 Feb 2023 06:36 pm
Published on:
07 Feb 2023 06:22 pm
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