
Indore-Manmad Railway Line
Indore-Manmad Railway Line:केंद्र सरकार की कैबिनेट ने 18,036 करोड़ की लागत से 309 किमी लंबी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को हरी झंडी दे दी। इंदौर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे ऐतिहासिक सौगात बताया, जिस पर आदिवासी अंचल के विकास की इबारत लिखी जाएगी। उन्होंने हाथोहाथ ट्रैक से जुड़ने वाले छह जिलों से इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर दी।
इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की तीन दशक से मांग चल रही थी, जो सोमवार को कैबिनेट ने मंजूर कर दी। बड़ी सौगात को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मंगलवार दोपहर इंदौर पहुंचे। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ऑनलाइन जुड़े।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम इकोनामिक कॉरिडोर बनाने की सोच रहे हैं। ये अधिक प्रगति का रास्ता बनेगा। कॉरिडोर बड़वानी, खरगोन, खंडवा, धार, इंदौर और उज्जैन बेल्ट में प्लान किया जा रहा है। विकास की दृष्टि से रेल नेटवर्क भी जुड़ जाएगा।
इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को मुख्यमंत्री ने उज्जैन में महाकाल से नासिक के त्र्यंबकेश्वर से जोड़ा। बोले, यह रेल परियोजना चार ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का काम करेगी। इनमें ओंकारेश्वर व घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भी हैं। उन्होंने रेल मंत्री वैष्णव से वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले इंदौर-मनमाड़ ट्रैक की सौगात देने की मांग की।
कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्तयाबड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा।
सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी व खटगांव में नए स्टेशन बनेंगे तो मनमाड़, न्यू धुले और नरदाना पहले से हैं।
Published on:
05 Sept 2024 11:00 am
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