एक्सपर्ट के मुताबिक, डेढ़ टन का एसी एक घंटे में 5 डिग्री तक तापमान बढ़ा देता है। आजकल घर, दुकान, ऑफिस, मॉल, होटल, सरकारी कार्यालय में एक या इससे अधिक एसी होना सामान्य बात है। तापमान को बढ़ाने में एसी भी बड़ा जिम्मेदार है और वातावरण पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, शहर में 3.5 लाख एसी हैं।
1.5 टन के एसी से 6.72 किलोवाट गर्मी
डेढ़ टन का एक एसी एक घंटे में 6.72 किलोवाट गर्मी बाहर फेंकता है और ढाई से तीन फीट तक के हिस्से में 5 डिग्री तापमान बढ़ा देता है। वातावरण में गर्मी सर्कुलेट होने से तापमान बढ़ जाता है। चलन में विंडो, स्लीप्लीट, पैक्ड एयरकंडीशन और सेंट्रल एसी होते हैं। सेंट्रल एसी सबसे ज्यादा गर्मी बाहर फेंकता है।
बिजली की मांग 700 मेगावाट
शहर में बिजली की मांग करीब 700 मेगावाट है। बिजली कंपनी के अनुसार, शहर में 7.5 लाख बिजली कनेक्शन हैं। 3.5 लाख एसी, साढ़े 20 लाख पंखे, 4.5 लाख कूलर और 6 लाख फ्रीज चल रहे हैं।
वातावरण के लिए चिंता का कारण
एक्सपर्ट कमेंट डॉ. एसपीएस राजपूत, प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियरिंग,, मैनिट, भोपाल इंदौर में साढ़े तीन लाख एसी होना वातावरण के लिए चिंता का विषय है। हमारी रिसर्च के अनुसार, डेढ़ टन का एक एसी एक घंटे में 6.72 किलोवाट गर्मी बाहर फेंकता पाया गया। यह ढाई से तीन फीट तक 5 डिग्री तापमान बढ़ा देता है। यही तापमान वातावरण को गर्म कर रहा है। एसी की आउटडोर यूनिट के पास खडे होकर अधिक गर्मी को महसूस किया जा सकता है।
खिड़की में कूलर लगाएं तो ज्यादा बेहतर होगा
एक्सपर्ट कमेंट डॉ. अशोक अतुलकर, एसोसिएट प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, एसजीएसआइजीएस, इंदौर ज्यादातर चार तरह के एसी उपयोग किए जाते हैं। सबसे ज्यादा गर्म हवा सेंट्रल एसी बाहर फेंकते हैं। हमें एसी का उपयोग कम करना चाहिए। विंड में कूलर लगाएं तो ज्यादा अच्छा होगा। एसी की क्वालिटी ऐसी हो, जो कम गर्म हवा बाहर फेंकता हो। डेढ़ टन का एसी सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है। अलग-अलग कंपनियों के एसी विभिन्न स्तर पर तापमान बढ़ाते हैं।