
Indore Ranipura Building Collapse (फोटो सोर्स : पत्रिका)
Indore Building Collapse: इंदौर के रानीपुरा के दौलतगंज में सोमवार रात तीन मंजिला मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं 12 घायल हुए हैं। रात 3.45 बजे फहीमुद्दीन (40) को मृत हालत में मलबे से निकाला गया। 12 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मकान के मलबे में फंसी अलीफा (20) पिता रफुद्दीन को बचाने के टीम व रहवासियों ने हरसंभव प्रयास किए। बताते हैं कि अलीफा आखिरी दम तक मोबाइल पर पिता से बात करती रही। मलबे से बाहर निकालने के 15 मिनट पूर्व उससे संपर्क टूट गया था। सिर व हिस्सों में गंभीर चोट आने से उनकी जान चली गई, वहीं फहीमहीन की भी मलबे में दबने से जान गई। उनके सीने में गंभीर चोट थी। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में दो लोगों की अंदरुनी चोट से जान जाने की बात सामने आई है।
मंगलवार को मकान गिरने का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया। इसमें धमाके के साथ गिरते मकान को देख लोग भागते नजर आए। मकान गिरने से सीसीटीवी कैमरे की केबल टूट गई, जिससे स्क्रीन ब्लैक हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हजार वर्गफीट का मकान जमींदोज हुआ। रात 9.10 बजे पार्षद को इसकी सूचना दी। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
रानीपुरा की जिस गली में मकान गिरा, वहां बिजली की लाइन बेतरतीब डली हैं। बिजली का खंभा बोझ से झुक चुका था। ? लोगों ने बताया कि कुछ ही दूरी पर बिजली कंपनी का दफ्तर है। इसके बाद भी इलाके में बिजली लाइन, पोल का रखरखाव नहीं होता। खंबे से रेस्क्यू प्रभावित हुआ। मंगलवार को बिजली विभाग की टीम नया खंभा लगाने पहुंची।
मंगलवार सुबह तक मौके पर निगम और पुलिस टीम तैनात रही। सेंट्रल कोतवाली टीआइ रवींद्र पाराशर ने बताया कि बजे के बीच एक और शव निकाला गया। मंगलवार को एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंच जांच की। एफएसएल अधिकारी ने मकान की सीमेंट के स्लैब, सरिये व मलबे का सेंपल लिया है, जो जांच को भेजा जाएगा।
जियाउल मो. जियाउल हक ने बताया कि मैं परिवार के साथ यहां वर्ष 2018 में रहने आया था। मेरी 3 माह की बच्ची यासिरा, बेटा अहमद (4) और पत्नी आलिया (23) मलबे में फंस गए थे। नीचे भाई के परिवार के चार लोग थे और उसके नीचे दूसरे भाई का पूरा परिवार था। मेरा आधा परिवार दूसरे घर पर रहता है। घटना के वक्त काम के लिए सिलिकॉन सिटी गया था। खबर मिलने पर घर पहुंचा तो देखा कि सभी दब गए हैं।
सोमवार रात तीन मंजिला मकान गिरने से हाहाकार मच गया था। लोगों की भीड़ तीन मंजिला मकान में फंसे लोगों को बचाने पहुंच गई। उन्होंने देखा की मलबे में परिवार दया है। सूचना मिलते ही एडिशनल डीसीपी रामसनेही मिश्र, एसीपी विनोदी दीक्षित, टीआइ कोतवाली मौके पर पहुंचे। तार टूटने से करंट फैलने का डर था। इस वजह से इलाके में अंधेरा पसरा रहा। एक घंटे तक तो समझ नहीं आया कि रेस्क्यू कहां से शुरू किया जाए। सभी जगह अव्यवस्था पसरी थी। इस वजह से रेस्क्यू कार्य प्रभावित हुआ। वहीं घटनास्थल पहुंच मार्ग पर देर रात तक बीच रास्ते में मौजूद बिजली के खंभे के कारण रेस्क्यू टीम को परेशानी हुई।
घायल 12 मरीजों का एमवायएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। सभी के हाथ, पैर, कमर, कंधे आदि में चोटें हैं। चार मरीजों की हालत गंभीर होने पर बड़ी सर्जरी की गई। घायल आफरीन के एक पैर का पंजा ऊपर से काटना पड़ा था, जिसकी सोमवार रात ही सर्जरी की गई। तीन माह की यासिरा को पीडियाट्रिक आइसीयू में भर्ती किया है। हालत स्थिर बताई जा रही है। एक मरीज के परिजन लामा कराकर उसे ले गए।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया, हादसे की सूचना के बाद केजुअल्टी में 15 डॉक्टर्स व 20 नर्सिंग स्टाफ को बुलाया गया। स्ट्रेचर व वार्डबॉय की अतिरिक्त व्यवस्था कराई। मलबे में दबे लोगों की सहायता के लिए एमवायएच से डॉ. महेश खाचरिया समेत आठ डॉक्टर्स की टीम पहुंची थी। मरीजों के रेस्क्यू करने के साथ ही डॉक्टर्स एंबुलेंस में भी अस्पताल लेकर आए। जिला हज कमेटी उपाध्यक्ष रेहान अंसारी ने हादसे पर दुःख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
Published on:
24 Sept 2025 10:00 am
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