जानकारी के अनुसार खुद को गोलीमार कर सुसाइड करने वाले टीआई हाकम सिंह की एक के बाद एक पांच पत्नियों के नाम सामने आ चुके हैं, आपको बतादें कि उनकी मौत के बाद भोपाल में तैनात एक लेडी कांस्टेबल माया ने बताया कि हाकम सिंह उनके पति हैं, उन्होंने बताया कि उन्होंने शादी की थी, हालांकि सर्विस बुक में उनकी पत्नी का नाम लता पंवार है, पहले उज्जैन जिले के ताराना की निवासी लीलावती ने पहली और सीहोर की सरस्वती ने दूसरी पत्नियां बताया, इसके बाद रेशमा शेख ने बताया कि वह उनकी तीसरी पत्नी है, चूंकि सर्विस बुक में लता पंवार का नाम है, ऐसे में जिस हेड कांस्टेबल ने दावा किया है, वह पांचवीं पत्नी के रूप में सामने आ रही है।
इंदौर. पुलिस कंट्रोल रूम (रानीसराय, रीगल तिराहा) पर महिला एएसआइ पर गोली चलाने के बाद खुद को गोली मारकर टीआइ हाकमसिंह पंवार की हुई मौत के मामले में अब भी राज सामने नहीं आए हैं। घटना के पहले महिला एएसआइ, उसका भाई व टीआइ कॉफी हाउस में बैठे थे। सीसीटीवी फुटेज से आशंका है कि एएसआइ का भाई बातचीत का मोबाइल से वीडियो बना रहा था। पुलिस को एएसआइ का मोबाइल नहीं मिला, जबकि टीआइ को मिल गया। टीआइ व एएसआइ के भाई के मोबाइल की एफएसएल लैब, भोपाल में जांच कराई जाएगी।
भोपाल में पदस्थ रहे टीआइ हाकमसिंह का मूल निवासी तराना, उज्जैन में है। वहां उनकी पत्नी लता पंवार, भाई व दो भतीजों का परिवार रहता है। शुक्रवार रात को ही वे पोस्टमार्टम के बाद शव ले गए। परिजनों का कहना था, टीआइ की संतान नहीं है, वे एक भतीजे को ही अपना वारिस बताते थे। चर्चाओं में था कि पंवार की एक पत्नी भोपाल में हेड कांस्टेबल है। एक पत्नी कहीं और रहती है तो एक इंदौर में है, लेकिन किसी की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। सर्विस बुक में पत्नी का नाम लता पंवार ही दर्ज है। अस्पताल पहुंची महिला ने बताया था कि पंवार को एक कपड़ा व्यापारी से 25-30 लाख लेने थे। इस परिवार की महिला के नाम कार थी, जो बाद में महिला एएसआइ के भाई के नाम करा दी गई और यह कार पंवार चला रहे थे। एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगणकर के मुताबिक, कार के लिए ही महिला एएसआइ के भाई ने 3 जून को भोपाल डीसीपी जोन 3 को शिकायत की थी। एएसपी अरविंदसिंह तोमर के मुताबिक संबंधित कार को जब्त कर लिया है। उसमें जीपीएफ डायरी आदि दस्तावेज थे, जिसकी जांच की गई। कार पहले जिसके नाम थी, उस महिला को बुलाकर बयान लिए जाएंगे। महिला एएसआइ के बारे में पता चला कि कुछ साल पहले धार में एक पुलिसकर्मी के खिलाफ भी गलत हरकत की शिकायत की थी, लेकिन बाद में वापस ले ली। इधर, पुलिस अधिकारियों ने कॉफी हाउस का वीडियो गंभीरता से देखा तो उसमें एएसआइ के भाई के हाथ में मोबाइल इस तह दिख रहा है, जिससे लगता है कि वह पंवार का वीडिया बना रहा था। घटना के दौरान पवार महिला का मोबाइल लेने का प्रयास कर रहे थे वह अब तक गायब है। पंवार का मोबाइल मिला, लेकिन पेटर्न लॉक के कारण खुला नहीं। पुलिस ने भाई का मोबाइल देखा तो उसमें कोई वीडियो नहीं मिला। एडिशनल डीसीपी राजेश रघुवंशी के मुताबिक दोनों के मोबाइल की एफएसएल जांच होगी। यह भी पता चला कि पंवार ने एक साल में जीपीएफ से 11 लाख रुपए निकाले थे। कुछ लोगों ने ब्लैकमेल की आशंका भी जताई। डीसीपी धर्मेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। अगर एएसआइ की कोई गलती मिली तो कार्रवाई होगी। अभी उसकी शिकायत पर केस दर्ज हुआ है।
बाबूओं पर अफसर भी नहीं कर पाते सख्ती रीगल तिराहे पर पहले एसपी ऑफिस था, कमिश्नरेट में अब वहां एडिशनल कमिश्नर का ऑफिस चलता है। यहां ऑफिसों में कई एएसआइ (एम) बाबू है लेकिन मनमानी में अपसरों का भी उन पर जोर नहीं चल पाता है। यहां कुछ महिला कर्मचारियों के अपनी सीट से गायब रहने, काम नहीं करने पर वरिष्ठ अफसर ने सख्ती की तो उनकी शिकायत करना शुरू कर दी थी। अधिकारियों ने कुछ कर्मचारियों को चिन्हित किया है, जल्द ही उन्हें जिले के बाहर भेजा जा सकता है।
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इन 11 जिलों में गिरेगी आकाशीय बिजली, जारी हुआ येलो अलर्ट कैमरे बंद थे, ठीक कराए रीगल तिराहे के पुराने पुलिस कंट्रोल रूम मेें शुक्रवार दोपहर टीआइ हाकमसिंह पंवार द्वारा महिला एएसआइ को गोली मारकर घायल करने के बाद खुद के सिर में गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई। पुलिस कंट्रोल रूम में बाहर की ओर कैमरे तो लगे हैं, लेकिन घटना के बाद चैक किया तो पता चला कि कई कैमरे बंद हैं, जिससे घटना के फुटेज नहीं मिल पाए। अधिकारियों ने नाराजगी जताई तो मुख्य गेट के ऊपर नए कैमरे लगवाए गए।