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जन आशीर्वाद यात्रा में सिंधिया बोले- जो 60 वर्षों में नहीं हुआ वो 7 वर्षों में पीएम मोदी ने किया

सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा इंदौर में, प्रेस कांफ्रेंस में विपक्ष पर भी साधा निशाना...।

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इंदौर

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Manish Geete

Aug 19, 2021

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इंदौर। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि 60 वर्षों में 75 हवाई अड्डे थे, जबकि मोदी सरकार के सात वर्षों में 65 हवाई अड्डे तैयार कर दिए गए। यही विकास है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को इंदौर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उनकी जन आशीर्वाद यात्रा का तीसरा और अंतिम दिन था। सिंधिया ने संवाददाताओं के कई सवालों के विस्तार से जवाब दिए।

सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी का संकल्प है कि हवाई चप्पल पहने वाला भी हवाई यात्रा करें। और इस संकल्प के साथ उड़ान योजना में हजार नए रूट प्रचलित करना, 100 नए हवाई अड्डे की स्थापना करना, 2025 तक यह हमारा संकल्प है। पिछले 4 सालों में उड़ान के हजार में से 363 नए रूट की शुरुआत हुई है। 100 नए एयरपोर्ट में से 59 एयरपोर्ट स्थापित हो चुके हैं। खासकर डिब्रूगढ़ असम, रिसकू जैसे स्थान जहां फ्लाइट पहुंचना तो दूर हवाई पट्टी बनाना भी मुश्किल था। यह ऐसी जगहों हैं जहां दूसरे विश्व युद्ध के बाद से हवाई सेवाएं बंद थीं, हवाई मानचित्र से उजड़ चुके थे। ऐसे हवाई अड्डों को पुनः शुरू किया जा रहा है।

सिंधिया ने अपने मंत्रालय की तरफ से किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि विमानन के जो कार्य कोरोनाकाल में रुक गए थे, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। जो फ्लाइट बंद हो गई थी, उन्हें धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। जबकि कई नई फ्लाइट्स भी तेजी से बढ़ाई जा रही है।

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सात सालों में हुआ विकास

सिंधिया ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का संकल्प लोकतंत्रीकरण करने का रहा है। पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि 60 सालों में जहां 75 हवाई अड्डे ही बन पाए थे, वहां मोदी सरकार ने 7 वर्षों में 65 हवाई अड्डे बना दिए।

भोपालः राजाभोज एयरपोर्ट

भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट का जिक्र करते हुए सिंधिया ने कहा कि यहां 230 करोड़ की लागत से टर्मिनल, रनवे कार्पेट, फायर स्टेशन, टॉवर आदि तैयार करने का काम अक्टूबर 2022 तक तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा टैक्सी हब पर भी विचार कर रहे हैं। जो चीजें बचेंगी उसे 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

इंदौरः देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट

इंदौर एयरपोर्ट के बारे में सिंधिया ने कहा कि देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट की महत्वाकांक्षी योजना है। यहां सांसद और मंत्री की मांगों पर 214 करोड़ की लागत से टर्मिनल बना है, 80 करोड़ से एटीसी फायर स्टेशन बन रहा है। जिस पर 777 एयरक्राफ्ट को भी इंदौर लाने के लिए एयरपोर्ट का विस्तारीकरण जरूरी है। इसके लिए 2300 एकड़ जमीन की जरूरत है, जो व्हाइट बॉडी एयरक्राफ्ट का रन वे बन सके। इस प्रकार इंदौर एयरपोर्ट पर डबल रनवे बनाया जाएगा। इंदौर में नया एटीसी, नया फायर स्टेशन बन रहा है। रन वे दो हजार से बढ़ाकर दो हजार 700 मीटर कर रहे हैं। इस कारण बड़े विमान लैंड कर सकें।

ग्वालियर एयरपोर्ट

ग्वालियर में भी नया एयरपोर्ट टर्मिनल का काम किया जाएगा। इसके अलावा खजुराहो में 110 करकोड़ की योजना से नई बिल्डिंग और एटीसी टावर का कार्य प्रगति पर है।

जबलपुर एयरपोर्ट

सिंधिया ने कहा कि जबलपुर में भी फ्लाइट बढ़ने से देश के बड़ी शहरों से सीधे जुड़ गया है। जल्द ही जबलपुर को इंदौर से सीधे जोड़ा जा रहा है।

फ्लाइट मूवमेंट बढ़ेगा

प्रदेश के चारों एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का मूवमेंट बढ़ाया जा रहा है। इंदौर में 164 फ्लाइट से बढ़ाई जा रही है, भोपाल में 132 फ्लाइट मूवमेंट है। जबलपुर में 110 फ्लाइट करवा रहे हैं, वहीं 80 फ्लाइट ग्वालियर में प्रति सप्ताह की जा रही है।

पिछली सरकारों के कारण महंगाई बढ़ी

देश में बढ़ती महंगाई पर सिंधिया ने कहा कि कोरोना के वातावरण में जो महंगाई का मुद्दा है भारत व्यापी मुद्दा नहीं है। यह विश्व व्यापक मुद्दा है। कोरोना के वातावरण में विश्वभर में डिमांड घटी है, आय घटी है और विश्वभर में आर्थिक क्षेत्र में गिरावट आई है। इसका असर भारत में भी देखने को मिला। अर्थशास्त्री का विद्यार्थी होने के नाते मैं देखता हूं कि महंगाई और आर्थिक प्रगति के बीच में संयम बनाना पड़ता है। ढाई वर्ष पहले तेल का दाम बीस डालर प्रति बेरल था। आज 60 डालर प्रति बेरल हो गया। आज जिस पार्टी की वजह से 70 सालों में भारत आज भी 85 प्रतिशत तेल का आयात करता है। आज हम तेल के मामले में आज तक आत्मनिर्भर नहीं हो पाए। पीएम मोदीजी के नेतृत्व में सभी तेल कंपनियां ध्यान दे रही हैं। जिस राजनीतिक दल ने 70 सालों तक विदेशी ताकतों, तेल के मुद्दे पर देश को गिरवी रखा। जिसके कारण महंगाई आई है। एक लाख 60 हजार करोड़ रुपए के बांड इश्यू किए। जो पैसा देना था, उसके बांड इश्यू किए। उनका ब्याज हुआ और उसका ऋण बढ़ाया। उस सरकार का फैसला आज हमारी सरकार और जनता भुगत रही है। आज भारत तेल के मामले में भी आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ रहा है।