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बच्चों ने बस से देखा तो खून से लथपथ पड़ी थी उनकी मैडम, खड़े-खड़े तमाशा देख रहे थे लोग

अपनी तीन प्रोफेसरों को घायल देखकर चौंके बच्चे, कोई भी वाहन चालक नहीं रुका

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इंदौर

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Hussain Ali

Jul 19, 2019

indore

बच्चों ने बस से देखा तो खून से लथपथ पड़ी थी उनकी मैडम, तमाशा देख रहे थे लोग

इंदौर. कॉलेज से लौट रही दो महिला प्रोफेसरों की कल कार दुर्घटना में मौत हो गई तो एक गंभीर रूप से घायल हैं। एक्सीडेंट के बाद कॉलेज की बस गुजर रही थी। जैसे ही बच्चों ने अपनी टीचरों को सडक़ पर खून से लथपथ देखा वे चौंक गए। इस दौरान लोग खड़े-खड़े तमाश देख रहे थे। कोई उनकी मदद नहीं कर रहा था। बच्चों ने बस रुकवाकर तुरंत 108 को फोन लगाया। एम्बुलेंस तो जल्दी आ गई जो एक घायल को ले गई। एक टीचर की पल्स और चल रही थी, लेकिन काफी देर तक कोई वाहन चालक नहीं रुका। बाद में जब अस्पताल ले गए तब तक देर हो चुकी थी।

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एक्रोपोलिस कॉलेज की प्रो. विनीता तिवारी, स्वाति योनाती और रुचि पांडे रोज की तरह कार से घर लौट रही थीं। इस बीच में रास्ते में एक तेज गति से आ रही एक्सयूवी कार से उनका एक्सीडेंट हो गया। घटना के बाद में गांव वालों ने तीनों महिलाओं को जैसे-तैसे कार से निकाला। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे क्या करें? इस बीच में पीछे से कॉलेज की बस आ गई जिसमें बच्चों ने अपनी प्रोफे सरों को बेहाल देखा। शोर मचाने पर बस चालक ने गाड़ी रोक दी।

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बस से उतरकर देखा तो चल रही थी पल्स

बस से उतरे प्रखर दुबे और नीलम राणा ने टीचरों की पल्स चेक की। विनीता तिवारी की मौत हो चुकी थी तो स्वाति व रुचि की पल्स चल रही थी, तुरंत 108 को फोन लगाया गया और कुछ ही देर में वह आ गई। एम्बुलेंस में एक मरीज को ही ले जाने की जगह थी जिस वजह से रुचि को ले जाया गया। स्वाति को अस्पताल ले जाने के लिए बच्चों ने कई वाहनों को रोका, लेकिन मानवता शर्मसार होती रही। आखिर में एक महिला वाहन चालक रुकी और तब दोनों को लेकर वे बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। स्वाति की पल्स चलना भी बंद हो गई। उसके बाद दुबे की आंखों से आंसू नहीं रुके। उसका मानना था कि समय पर वाहन मिल जाता तो शायद स्वाति मैडम भी बच जातीं।