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अब ‘आधार कार्ड’ की तरह ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ का भी निकाल सकेंगे प्रिंट !

- कार्ड की किल्लत के बीच नई व्यवस्था पर विचार कर रहा परिवहन विभाग-ओटीपी से हो सकेगा प्रिंट, मिलेगी मान्यता

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Aadhaar Card

इंदौर। यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो वाहन चालकों को आरटीओ कार्यालय से ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड प्रिंट की मारामारी से छुटकारा मिल जाएगा। दरअसल, आधार कार्ड की तरह ड्राइविंग लाइसेंस भी खुद वाहन चालक कही से भी प्रिंट करा सकेंगे। परिवहन विभाग के अफसर इस मामले में गुंजाइश ढूंढ रहे हैं। लंबे समय से प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों में लाइसेंस कार्ड की किल्लत चल रही है। लाइसेंस बनवाने के बाद लोगों को महीनों तक कार्ड नहीं मिल पा रहे हैं। इस बीच कई आरटीओ ने विभाग के आला अधिकारियों को सुझाव दिया है कि जिस तरह आधार कार्ड ऑनलाइन बनने के बाद लोग कही से भी उसका प्रिंट निकलवाकर लेमिनेशन करा लेते हैं या फिर पीवीसी कार्ड बनवा लेते हैं, कुछ ऐसा ही ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में किया जा सकता है।

प्रिंट करने का आ सकता है विकल्प

वर्तमान में लाइसेंस के कार्ड पर चिप होती है, जिससे में डाटा होता है। ये चिप दूसरे देशों से आती है। पूर्व में ऐसे ही कार्ड रजिस्ट्रेशन के भी होते थे, लेकिन वाहन पोर्टल आने के बाद चिप की जगह क्यूआर कोड अंकित है। क्यूआर कोड वाले कार्ड ही लाइसेंस में भी होंगे। इसे पोर्टल से डाउनलोड करने की सुविधा होगी। हालांकि, यह व्यवस्था वर्तमान में भी है। डिजिलॉकर और एम परिवहन ऐप पर लाइसेंस अप्रूव होने पर कागज पर प्रिंट लिया जा सकता है।

इसके लिए जरूरी डिटेल और आइडी पासवर्ड डालना होता है। हालांकि पुलिस चेकिंग में इसे मान्य किया जाना चाहिए, लेकिन अक्सर इसे माना नहीं जाता है। आरटीओ से जारी होने वाले कार्ड को ही माना जाता है, अब विभाग अप्रूव करने के बाद आधार की तर्ज पर मोबाइल पर ओटीपी भेजकर कही से भी प्रिंट करने का विकल्प ला सकता है। इसके बाद वाहन चालक अपने हिसाब से कार्ड बनवा सकेंगे।

नई व्यवस्था को लेकर विचार चल रहा

हर दिन इंदौर में 1 हजार कार्ड प्रिंट होते हैं। परिवहन विभाग नई व्यवस्था को लेकर विचार कर रहा है। हालांकि इसको लेकर कागजी कार्रवाई नहीं हुई है। यह अच्छी व्यवस्था साबित हो सकती है। हालांकि, इसमें समय लग सकता है। रजिस्ट्रेशन के पीवीसी कार्ड की तरह पहले ड्राइविंग लाइसेंस किए जाएंगे, इसके बाद नई व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जा सकता है। - प्रदीप शर्मा, आरटीओ इंदौर