
पहले शादी विवाह का सीजन बिगड़ा, अब त्योहारी सीजन पर लॉकडाउन की मार, कारोबारी जगत में उठे विरोध के सुर
इंदौर/ मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के समन्वय से 18 अप्रैल तकके लिये लगाए गए कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) से शहर के व्यापारी और कारोबारी संगठनों में नाराजगी है। उनका कहना है कि, हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं। लेकिन, सरकार को भी हमारे बारे में कुछ सोचना चाहिए। व्यापारियों का कहना है कि, उम्मीद से भरे स्टॉक और ग्राहकों के हाथ खींचने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये प्रदेश सरकार को विचार करना चाहिए और करों में राहत भी दें।
व्यापारियों को जून से उम्मीद थी
सभी को उम्मीद थी कि, अप्रैल से जून का सीजन कोरोना की वजह से आई कड़की को दूर कर देगा। शादी ब्याह के सीजन से पहले कोरोना की दूसरी लहर और कर्फ्यू ने उम्मीदों पर लॉकडाउन कर दिया है। यही वजह है कि, कारोबारी जगत में अब विरोध के सुर नजर आने लगे हैं।
व्यापारियों ने कहा-करों में राहत दे सरकार
बता दें कि, आमतौर पर एक व्यापारी को जीएसटी, आयकर, चलित पूंजी और बैंक का ब्याज, विभिन्न ईएमआई, स्थानीय संपत्तिकर, स्वच्छता कर, जलकर, बिजलीका न्यूनतम बिल, बीमा राशि व अन्य कर जमा करना होते हैं। जीएसटी रिटर्न न भरने पर टिगड़ी पेनल्टी और ब्याज देना पड़ता है। पिछली साल की तरह टीडीएस में दी राहत के समान डेड स्टॉक पर जीएसटी में राहत मिले। व्यापारियों का कहना है, अप्रैल से जून तक के 30 दिन पीक सीजन के रहते हैं। ये सीजन भी पिछले साल की तरह बिगड़ता दिख रहा है। कारोबारियों के मुताबिक, 8 से 10 हजार करोड़ के इस सीजन में हो रहे नुकसान की भरपाई नहीं होती है। साल का 50 से 60 फीसदी धंधा इसी सीजन में होता है।
ये कैसा लॉकडाउन : यहां व्यापारी आधा शटर खोलकर कर रहे व्यवसाय - Video
Published on:
14 Apr 2021 01:53 pm
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