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MP के खनिज अधिकारी के घर मिला खजाना, बड़े स्तर तक थी सेटिंग, देखें पूरा मामला

lokayukta raid: देवास जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी के चार ठिकानों पर छापामारी, बेटे के नाम पर भी मिली अकूत संपत्ति...।

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इंदौर

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Manish Geete

Mar 14, 2023

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इंदौर। जिला खनिज अधिकारी डॉ. मोहन खतेड़िया के यहां मंगलवार को सुबह लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई (lokayukta raid) की है। देवास में पदस्थ खतेड़िया के इंदौर, देवास, उज्जैन, पीथमपुर के ठिकानों पर जांच की जा रही है। यहां से पुलिस को बेहिसाब संपत्ति मिली है। यह भी खुलासा हुआ है कि वे जियोलाजिस्ट हैं, लेकिन साठगांठ से जिला खनिज अधिकारी बन बैठे। वहीं अपने पद का दुरुपयोग करके वे बेटे को भी काम दिलाता था। सूत्रों के मुताबिक इस अफसर ने स्थानीय स्तर से लेकर भोपाल तक बड़े स्तर पर भी साठगांठ कर रखी है।

लंबे समय के बाद लोकायुक्त पुलिस ने देवास जिले के खनिज अधिकारी डा. खतेड़िया के यहां जांच की गई। भोपाल लोकायुक्त में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण दर्ज होने के बाद सर्वे किया गया। मंगलवार को सुबह 6 बजे सी-124 तुलसी नगर में लोकायुक्त की टीम पहुंची। जैसे ही टीम घर में दाखिल हुई, वैसे ही खतेड़िया का परिवार सकते में आ गया। जांच के दौरान घर की तलाशी ली गई। घर के हर कोने को बारिकी से देखा गया। कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। तीन लाख रुपए नकद व सोने की ज्वेलरी जब्त की गई है। इसकी गणना जारी है। इसके अलावा उज्जैन में भी खतेड़िया का एक मकान है, जहां सर्वे चल रहा है। पीथमपुर में भी एक आरएमसी प्लांट पर भी टीम पहुंची है। यह प्लांट उनके बेटे नयन के नाम पर है।

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गौरतलब है कि डा. खतेड़िया जिला खनिज अधिकारी के पद पर पिछले एक दशक से काबिज हैं, जबकि वो जियोलाजिस्ट के रूप में खनिज विभाग में भर्ती हुए थे। भोपाल में अपने रिश्तों के दम पर वे जिलों में खनिज अधिकारी बन जाते थे। देवास जिला खनिज अधिकारी से पहले वे धार में पदस्थ थे और उससे पहले उज्जैन में थे। वे धार में दो बार जिला खनिज अधिकारी रहे। पद का फायदा उठाकर बेहिसाब संपत्ति जुटाई।


लोकायुक्त के एसपी सव्यसांची सराफ ने पत्रिका को बताया क् आय से अधिक संपत्ति के मामले में आज देवास जिले के खनिज अधिकारी मोहन खतेड़िया के इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर में जांच की गई। कई संपत्तियों का खुलासा हुआ है।

एक गाड़ी 60 लाख की

बेटे नयन की ठेकेदारी कंपनी में चार बलकर जैसी बड़ी गाड़ी भी है। बलकर गाडी़ से बड़े-बड़े प्लांट से राख लाकर सीमेंट फैक्टरी में डाली जाती है, जिसका मोटा किराया मिलता है। एक गाड़ी की कीमत करीब 60 लाख रुपए है। उसके अलावा पोकलेन व कई डंपर भी हैं, जो खंडवा मूंदी में अटैच हैं।

जमीन कारोबार में भी शामिल

खतेड़िया जमीन के कारोबार में भी हाथ आजमाता था। नायता मुंडला में जलवा इन्फ्रा स्ट्रक्चर से 15 हजार वर्गफीट जमीन खरीदी थी, जिसमें मुनाफा कमाकर जायसवाल समाज को बेच दी गई। उसके अलावा बड़वाह में होस्टल व मल्टी होने की सूचना है, तो मानपुर से लेबड़ रोड पर भी उसके पास काफी जमीन मिलने की जानकारी लगी है।

बेटे को दिलाता था लाभ

गौरतलब है कि जिला खनिज अधिकारी के पद पर रहते हुए खतेड़िया बेटे के नाम पर भी बड़ी संपत्ति खड़ी की है। वह सरकारी ठेकेदार बन गया। जिस जिले में खतेड़िया पदस्थ रहते थे, उस क्षेत्र के सरकारी काम उसे दिलाने का प्रयास करता था। इसके अलावा खदान वालों से औने-पौने दाम पर गिट्टी और रेत के ट्रक सस्ते दाम पर भी दिलाने का दबाव बनाता था। अच्छा काम चलने की वजह से नयन ने पहले इंदौर के सनावदिया गांव में आरएमसी प्लांट डाला। बाद में पिता धार में पदस्थ था। जिसका फायदा उठाते हुए बेटे ने पीथमपुर में प्लांट स्थानांतरित कर दिया।