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प्रभु वेंकटेश बने दूल्हा, बारात में झूमे भक्त

रात्रि सत्र में प्रभु वेंकटेश की अश्व पर सवारी निकली। परकाल लीला हुई, जिसमे डाकू द्वारा भगवान को लूट कर पुन: भगवान को समर्पण कर दिया जाता है।

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प्रभु वेंकटेश बने दूल्हा, बारात में झूमे भक्त

- आज पुष्प बंगला, पुष्पकरणी में विराजित भगवान देंगे दर्शन, कल रथ यात्रा

इंदौर। शहनाई की धुन के साथ सखियों द्वारा गीतों का मधुर गान पधारे गोदाजी के द्वार रंगजी, कोई गोदा की नजऱ उतारो रे, मुझे रंगनाथ की दुल्हन बना दो की गूंज पूरे मंदिर परिसर में थी। श्रंगारित कर श्रीश्रीदेवी व श्रीभूदेवी सजी- धजी टोकनी में विराजित कर नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के साथ जोधपुर के राधाकृष्ण महाराज व अयोध्या के राघवाचार्य एरंगनाथचार्य लेकर विवाह मंडप में पहुंचे। वही प्रभु रंगनाथ स्वर्ण मंगलगिरी पर सजधज कर गदा कटार धारणकर दूल्हा बनकर पहुंचे। गोविंदा- गोविंदा के जयघोष के साथ बारात निकली तो ढोलक की थाप पर युवक-युवती थिरकते निकले।
गुरुवार को विवाहोत्सव में रजत शेष वाहन पर विराजे प्रभु वेंकटेश को ढोलक की थाप पर बहुत नचाया। पूरे छत्रीबाग में विवाह उत्सव का माहौल दिखाई दिया। जहां से बारात निकली वहां पर प्रभु का पुष्पों से स्वागत किया। बड़ी संख्या में भक्त इसमें शामिल हुए। प्रभु वेंकटेश के कल्याण उत्सव में जहंा पर प्रभु रंगनाथ ने तोरण लगाकर विवाह मंडप में बारातियों के साथ प्रवेश किया वधु पक्ष द्वारा भगवती श्रीगोदाम्बजी को गोपियों द्वारा सजाधजा कर विवाह मंडप में विराजमान किया। भटर स्वामी के समूह के साथ पुजारी सुदर्शनाचर्या द्वारा भगवान को रक्षा सूत्र बंधने के साथ दक्षिण भारती पद्धति से विवाह की रस्में शुरू हुई। मामेरा व वस्त्रों के आदान-प्रदान , वरमाला और साथ फेरो के साथ विवाह की रस्में देवस्थान के पुजारी रामगोपाल शर्मा द्वारा की गई। विवाह पश्चात सभी ने एक दूसरे के साथ गुलाल लगाकर होली खेली। इसके बाद भक्तों को बधाई बांटी गई।

अश्व वाहन पर निकली सवारी
रात्रि के सत्र में प्रभु वेंकटेश की अश्व वाहन पर सवारी निकली। परकाल लीला हुई, जिसमे डाकू द्वारा भगवान को लूट कर पुन: भगवान को समर्पण कर दिया जाता है। साथ ही जोधपुर से पधारे गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने एकली कड़ी रे मीराबाई मोहन आओ तो सही, सवारियों हे सेठ ...सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर सभी भक्त खूब झूम कर नाचे। बंसीलाल भूतड़ा, कल्याण मंत्री, आशीष बाहेती, मधुर लड्डा, संदीप चंडक, जयप्रकाश लाहोटीए, रामेश्वरलाल सोमानी, शरद पसारी अनिल मंत्री राम सोमानी, पंकज सोमानी मौजूद थे।

पुष्करणी में होंगे प्रभु वेंकटेश के दर्शन
छत्रीबाग स्थित वेंकटेश मंदिर में फूल बंगला सजेगा। प्रभु पुष्पकरणी में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। विभिन्न राज्यों से फूल मंगाए जा रहे है। केले के तने पर भी विशेष कलाकारी की गई है। जिसमें प्रभु कृष्ण की ग्वालों के साथ बाल लीलाओं के दर्शन भक्तों को होंगे। साथ ही प्रभु पुष्पकरणी तट की सीढिय़ों को भी केले के तने में उकेरा जाएगा। इसमें ३६ झरोखे होंगे तिरुपति में स्थित पुष्पकरणी का दर्शन होगा जिसमें चारो और पानी रहेगा और प्रभु वेंकटेश जल के मध्य में दर्शन देंगे। साथ ही चांदनी रात में तारे सितारे चमकते नजर आएंगे।

आज के कार्यक्रम
प्रचार प्रमुख पंकज तोतला ने बताया कि सुबह ९ बजे से देवस्थान में प्रणय कलह लीला होगी। जिसमें भगवान की सवारी निकलेगी। लक्ष्मीजी भगवान के ऊपर माखन फेकेंगी और गेंद से खेलेंगे। शाम ७ बजे पुष्प बंगले में दर्शन होगे। जोधपुर से जोधपुर के राधाकृष्ण महाराज के भजन होंगे।