
इंदौर. महाभारत में भगवान कृष्ण ने जो ज्ञान दिया है वह गीता के रूप में संचित है। उन्होंने गीता में कई ऐसी बातें बताई हैं जो इंसान का जीवन पूरी तरह से बदल सकती हैं। इंदौर के पास देवास में राष्ट्रगुुरु समर्थ रामदास विचार मंच द्वारा आयोजित नवरात्रि व राम जन्म महोत्सव समारोह में इन बातों की व्याख्या की गई।
इंदौर के डॉक्टर अनिल जोशी ने बताए महाभारत के राज
राम मंदिर कृष्णपुरा में भगवत गीता की सर्वकालिक प्रासंगिकता पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें बताया गया कि वे कौन सी बातें हैं जो कलयुग में भी इंसान का जीवन स्वर्ग से बेहतर बना सकती हैं। इंदौर के डॉक्टर अनिल जोशी ने इस विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने कहा करीब 5200 वर्ष पूर्व द्वापर युग में कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। तब उन्होंने यह भी कहा था कि लाखों वर्ष पूर्व गीता का ज्ञान सूर्यनारायण को मैं सुना चुका हूं। कृष्ण ने साफ कहा था कि जो बातें मैं आज बता रहा हूं वह कलयुग में इंसान का जीवन बदलने में व्यापक असर दिखाएंगी। जो भी मनुष्य गीता की इन बातों का अनुसरण करेगा उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा।
महाभारत की इन बातों से बदल जाता है पूरा जीवन
1. गुस्से पर काबू - क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
2. देखने का नजरिया - जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है।
3. मन पर नियंत्रण - जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
4. खुद का आकलन - आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशासित रहो, उठो।
5. खुद का निर्माण - मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है. जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
6. हर काम का फल मिलता है - इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है।
7. प्रैक्टिस जरूरी - मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
8. विश्वास के साथ विचार - व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।
9. दूर करें तनाव - अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है।
10. अपना काम पहले करें - किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
11. इस तरह करें काम - जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।
12. काम में ढूंढें खुशी - जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।
Published on:
26 Mar 2018 12:58 pm
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