
व्यावसायिक बहुमंजिला इमारतों में संपदा की मेहरबानी, चौथी मंजिल से रजिस्ट्री में सरकार को घाटा
इंदौर.सरकार ने रजिस्ट्री की गाइड लाइन में 20 प्रतिशत कमी कर जनता को राहत दी है। उपबंधों में बदलावों का लाभ भी मिल रहा है। वहीं व्यावसायिक बहुमंजिला इमारतों में चौथी मंजिल के बाद छूट, शहर की अनेक लोकेशन पर उपबंध की शर्त और संपदा की तकनीकी गलती सरकार के लिए घाटे का सौदा बन गई है। उपपंजीयक की जरा सी भूल पर सरकार को तो घाटा हो ही रहा है, रजिस्ट्रीधारक को भी भविष्य में रजिस्ट्री ऑडिट में उलझने और अंतर की राशि की पेनल्टी सहित चुकाना होगी।
इंदौर में सैकड़ों ऐसी रजिस्ट्रियां हो चुकी होंगी। मामला हाल ही में एक रजिस्ट्रीधारक द्वारा उपबंध को पढऩे और उसके अनुसार की गई गणना के बाद वरिष्ठ जिला पंजीयक के संज्ञान में लाया गया है। जानकारों का कहना है, पूरे प्रदेश में इस शर्त के चलते संपदा से की जा रही गणना में नुकसान हो रहा है। आमतौर पर हर प्रस्तुतकर्ता के समक्ष इस उपबंध की प्रति नहीं होती। सर्विस प्रोवाइडर्स तो संपदा में की गई गणना के आधार पर रजिस्ट्री प्रस्तुत कर देते हैं। संपदा द्वारा बताया गया शुल्क ही जमा करते हैं। चेकर-मेकर की भूल होने पर, जिसकी संभावना बहुत अधिक रहती है, अनेक लोकेशन पर कम संपदा द्वारा आकलित मूल्य के आधार पर ही रजिस्ट्री शुल्क चुकाकर स्लॉट बुक कर दिया जाता है। रजिस्ट्री हो जाती है। वरिष्ठ जिला पंजीयक के बीके मोरे के अनुसार, ऐसे कुछ मामले संज्ञान में आए हैं। सामान्य तौर पर उपबंध के आधार पर गणना चेक करके ही स्टाम्प ड्यूटी ली जाती है। संपदा में अंतर को लेकर मुख्यालय को लिखा जा रहा है।
ऐसे हो रहा घाटा
अधिकतर भवनों में लिफ्ट होने से हर मंजिल पर तल मंजिल की गाइड लाइन अनुसार ही गणना होती है। उपबंध के आधार पर भी संपत्ति की गणना करें तो चौथी मंजिल पर व्यावसायिक संपत्ति का मूल्य उस तल की आवासीय संपत्ति के मूल्य से कम आ रहा है, जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए। जब इंदौर के व्यस्ततम व्यावसायिक इलाके की गणना की गई तो संपत्ति के मूल्य में बड़ा अंतर आया। यदि किसी भवन में लिफ्ट नहीं होने पर भी देखेंगे तो अंतर आ रहा है, जबकि उपबंध की टीप के अनुसार व्यावसायिक संपत्ति का मूल्य आवासीय से कम नहीं होना चाहिए।
संपदा की गणना के अनुसार घाटा
आरएनटी मार्ग साउथ तुकोगंज में बहुमंजिला इमारत की चौथी मंजिल पर 185.8 वर्गमीटर, यानी 2000 वर्गफीट की संपत्ति की गणना संपदा से इस प्रकार प्राप्त हो रही है।
-चौथी और इससे ऊपर की आवासीय संपत्ति का मूल्य 59.47 लाख रुपए होगा।
-चौथी मंजिल और इससे ऊपर की व्यावसायिक संपत्ति का मूल्य 50.55 लाख रुपए होगा।
-इस तरह सरकार को 8.92 लाख रुपए पर करीब 1.11 लाख रुपए कम स्टाम्प ड्यूटी मिल रही है।
-यह राशि प्रकरण व लोकेशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। सामान्य तौर पर व्यावसायिक गाइड लाइन आवासीय की आधी होती है।
इस प्रकार है उपबंध
भवनों के उपबंध 4 के अनुसार व्यावसायिक भवनों व मॉल में तल के अनुसार किया जाने वाले मूल्यांकन के अनुसार
-मेजेनाइन, अपर व लोअर ग्राउंड फ्लोर पर तल मंजिल स्थित संपत्ति के मूल्य पर 10 प्रतिशत कम।
-तलघर व पहली मंजिल पर तल से 25 प्रतिशत कम।
-दूसरी मंजिल पर तल से 40 प्रतिशत कम।
-तीसरी मंजिल पर तल से 50 प्रतिशत कम।
-चौथी मंजिल और इससे ऊपर तल मंजिल से 60 प्रतिशत कम।
(ध्यान रहे- किसी भी स्थिति में किसी भी मंजिल पर स्थित संपत्ति का मूल्य उस तल की आवासीय संपत्ति के मूल्य से कम नहीं होना चाहिए। शहर की सड़कों से लगी न होने पर सामान्य से 15 प्रतिशत कम दरों पर मूल्यांकन मान्य होगा।)
Published on:
02 Aug 2019 04:03 pm
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