
इंदौर जिले की महू तहसील में सेना की छावनी में जासूसी करने वाली बहनें पकड़ाईं।
इंदौर. पाकिस्तान के लिए जासूसी के मामले में पुलिस को कुछ पुख्ता जानकारियां मिल गई हैं। साइबर सेल व क्राइम ब्रांच के हाथ कुछ बातचीत लगी है। एक-दो नहीं 8 नंबर मिले हैं जिनमें चेटिंग हो रही थी। कोड वर्ड का इस्तेमाल भी सामने आया है। जिन लोगों से बात हुई वे आइएसआइ के कुख्यात मुख्य ओहदेदार बताए जा रहे हैं।
पुलिस व मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम तीन बहनें, एक जीजा, कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) के सेना के मेडिकल विंग में कार्यरत युवक से अलग-अलग पूछताछ कर रही है। आइबी की महिला अफसर भी साथ है। युवतियों के चार मोबाइल पुलिस के पास हैं। मोबाइल से डेटा डिलीट किया गया था लेकिन कुछ वापस हासिल किया गया जिससे अफसर चौंक गए हैं। अभी करीब 8 नंबरों से की गई चेटिंग मिली है।
अफसरों का कहना है कि जिनसे चेटिंग चल रही थी वे आइएसआइ (isi) के कुख्यात ओहदेदार हैं, उनकी पहचान हो गई है। हालांकि पूरी चेटिंग रिकवर नहीं होने तक कुछ कहा नहीं जा सकता। अभी तक जो चेटिंग हुई उसमें कोड वर्ड मिले हैं जिन्हें डी कोड करने का काम भी साइबर सेल की टीम कर रही है। इसी कारण केस भी दर्ज नहीं किया है। क्राइम ब्रांच की टीम को युवतियों के घर के आसपास तैनात किया है और वे लगातार जानकारी ले रहे हैं। घर में ही पूछताछ चल रही है।
सैन्यकर्मियों को हनीट्रैप कर फंसाने का शक
युवतियों के सेना के कुछ अन्य कर्मचारियों से संपर्क की बात भी सामने आई है, कई नंबर मिले हैं। आशंका है कि इन कर्मचारियों को हनीट्रैप कर जाल में उलझाने के बाद जानकारियां ली गई हैं। एक कर्मचारी से पूछताछ भी हुई है। कुछ बैंक खातों की प्रारंभिक जानकारी मिली जिसमें लगातार राशि जमा हुई है। हवाला से भुगतान के बिंदु पर भी जांच चल रही है। युवतियों ने भी कुछ बातें कबूली है, लेकिन अफसर इसका खुलासा नहीं कर रहे हैं।
कुछ डेटा मिला है: आइजी
आइजी हरिनारायणाचारी मिश्रा ने माना कि कुछ चेटिंग मिल गई है, जिससे गड़बड़ी समझ में आ रही है। हालांकि पूरा डेटा रिकवर होने की स्थिति में ही कुछ कहा जा सकेगा। टीमें अलग-अलग जांच कर रही हैं।
Updated on:
24 May 2021 01:19 pm
Published on:
24 May 2021 08:37 am
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