अयांश को बचपन से ही थी हार्ट की बीमारी
अयांश अपने माता-पिता की एकलौती संतान था। पिता विभाकर नारायण और मां रश्मि नारायण दोनों ही बैंक में जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि अयाशं को बचपन से ही हार्ट की बीमारी थी। उन्होंने अयांश का हर संभव इलाज कराया, महज तीन साल की उम्र में अयांश की दो सर्जरी भी माता-पिता ने बेंगलुरू में कराईं लेकिन भगवान की मर्जी के सामने उनकी कोशिशें नाकाफी निकलीं।
धूमधाम से करनी है बेटी की शादी तो जान लें ये स्कीम, 7 साल में मिलेगा 50 लाख का फंड
दो दिन पहले हुआ था बीमार
दो दिन पहले अयांश को सर्दी जुकाम हुआ और शनिवार को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण परिजन उसे इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टर्स ने इलाज शुरु किया लेकिन कुछ ही देर बाद अयांश ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। कलेजे के टुकड़े की मौत की खबर के बाद माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन इस बीच मां रश्मि ने एक ऐसा फैसला लिया जिस पर पिता विभाकर नारायण ने भी रजामंदी भरी और दोनों ने अयांश की आंखें किसी जरुरतमंद को डोनेट कर दीं। मुस्कान ग्रुप से संपर्क कर अयांश की आंखों को डोनेट करने की प्रक्रिया पूरी की गई है।
देखें वीडियो- लात-घूंसों के बीच दुल्हनिया ले गया दूल्हा