
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सांसद विवेक तन्खा ने जताई सेहमति, कहा- 'इसपर राजनीति न हो, हमें चाइना से सीखने की जरूरत'
इंदौर/ मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि, जनसंख्या नियंत्रण के वो खुद सबसे बड़े समर्थक हैं। ये देश हित में है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि, 'मैं इसके राजनीतिकरण का विरोधी हूं।' उन्होंने कहा कि, संजय गांधी इमरजेंसी के समय इसे लेकर आए। कार्यक्रम अच्छा था, लेकिन समय और तरीका सही नहीं था। क्योंकि आपने दबाव बनाया, यही कारण रहा कि, कांग्रेस को चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, पर अब जो आप लेकर आ रहे हैं, वो वोट की राजनीति पर आधारित है। जबकि, ये देश का प्रोग्राम है, जिसपर आपको सभी पार्टियों को बुलाकर इस मामले पर बात करनी चाहिये।
चाइना इस तरह पा रहा है जनसंख्या पर नियंत्रण- तन्खा
सांसद तन्खा ने चाइना का उदाहरण देते हुए कहा कि, उसने 30 साल तक वन चाइना पॉलिसी चलाई, जिसपर वहां के सभी दलों की सेहमति थी, यही वजह है कि, उन्होंने अब कहीं जाकर इसपर काबू पाना शुरु कर दिया है। देश जनसंख्या के कारण ही कई दशक पीछे चला गया। BJP से आग्रह है कि, इस राष्ट्रीय मिशन को पार्टी के वोट बैंक से अलग रखते हुए सोचना होगा, वरना राष्ट्र फिर से पिछड़ जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून को गंभीरता से लेने की जरूरत
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जवाब देते हुए सांसद तन्खा ने कहा कि, मैं देशभक्त हूं। अगर हम अब भी जनसंख्या नियंत्रण के बारे में गंभीरता से नहीं सोटेंगे, तो हर साल देश में एक नया ऑस्ट्रेलिया बनेगा। आप कितना भी विकास कर लो, गरीब-गरीब ही होता जाएगा। जिस स्तर पर देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उस स्तर पर आप संसाधन नहीं बढ़ा सकते। ये कानून देश हित में है, लेकिन इसे बनाने को लेकर राजनीति करना ठीक नहीं। इसे नेशनल प्रोग्राम बनाइए। जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा के साथ जागरूकता की भी बेहद जरूरत है। केरल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि, वहां एजुकेशन स्तर अच्छी होने से बीते लंबे समय से वहां की पाॅपुलेशन ग्रोथ जीरो बनी है।
तीसरी लहर से बचने के लिये बड़ी तैयारी की जरूरत, खुद भी इंदौर के लिये की 30 लाख की मदद
इस दौरान विवेक तन्खा ने कोरोना की तीसरी लहर को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि, अगर हमें इससे निपटना है, तो बड़ी तैयारी करने की जरूरत है। बीते दिनों इंदौर के हालातों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि, प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा खराब हालात इंदौर के रहे हैं। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर के प्रति तैयारी और संक्रमण से लड़ाई के लिए 30 लाख रुपए की सहयोग राशि भी इंदौर को दी, जिसे शहर के अस्पतालों के बैड, आक्सीजन की व्यवस्था, इंजेक्शन समेत कार्यों के इस्तेमाल में लिया जाएगा।इस दौरान तन्खा ने ये भी कहा कि, इंदौर ने देशभर में मिसाल कायम की है। प्रशासन को जन सहयोग से महामारी के दौर में जो मदद मिली, उस स्तर पर देशभर में कहीं भी देखने को नहीं मिली।
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Published on:
18 Jul 2021 12:49 am
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