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ना रास्ता बना ना स्कूल बस शुरू हुई

पिछले शैक्षणिक सत्र में तहसील की मॉडल स्कूल को सीएम साइज का तमगा लगा। उम्मीद थी कि तमाम सुविधाएं मिलेगी। लेकिन आज तक न ही स्कूल इमारत बन पाई और न विद्यार्थियों के लिए निजी स्कूल की तर्ज तक स्कूल बसें शुरू हो पाई। यहां तक कि कई अहम विषय के स्थाई शिक्षक तक नहीं मिल पाएं। स्थिति है कि सबसे हाइटेक स्कूल में पहुुंचने के पगडंडी और किचड़ होकर गुजरना पड़ता है।

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इंदौर

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Sanjay Rajak

Sep 23, 2023

ना रास्ता बना ना स्कूल बस शुरू हुई

ना रास्ता बना ना स्कूल बस शुरू हुई

डॉ. आंबेडकर नगर(महू).

वर्ष २०२२-२३ में सीएम राइज स्कूल का पहला शिक्षा सत्र शुरू हुआ। लेकिन सीएम राइस स्कूल का कांसेप्ट अभी भी कागजों में ही है। महू तहसील में दो सीएम राइस स्कूल, जो कि शिव नगर और मॉडल स्कूल महूगांव में शुरू किए गए है। शिव नगर में तो अभी तक जमीन की तलाश ही पूरी नहीं हो पाई है। वहीं मॉडल स्कूल में सीएम राइस की अधिकांश सुविधाएं ही नदारत है। इन स्कूलों को अभी न तो पूरा स्टाफ मिला और न ही प्रवेश करने वाले छात्रों की संख्या के मुताबिक पर्याप्त कमरे है। हालांकि सीएम राइस स्कूल का सपना पूरी तरह से साकार होने में अभी एक साल का वक्त और लगेगा। महूगांव स्थित सीएम राइज स्कूल की नई इमारत का काम शुरू हो चुका है, वहीं शिवनगर में जमीन तक तय नहीं हुई है।

यह सुविधाएं मिलने का इंतजार

सीएम राइज स्कूल का कांसेप्ट था कि केजी वन से लेकर १२ वीं तक की शिक्षा एक भी छत के नीचे मिले। शिक्षक गुणवत्ता हाइक्लास होगा। सुविधाएं भी महंगे निजी स्कूल से बेहतर हो। लेकिन दूसरा शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी अधिकांश सुविधाओं से विद्यार्थी खाली हाथ है। विद्यार्थियों के लिए स्कूल बस नहीं है। खेल का इनडोर और आउटडोर मैदान नहीं, नई इमारत २०२४ में तैयार होगी। केंटीन या फैफेटेरिया, बैंकिंग काउंटर, स्विमिंग पूल, डिजिटल स्टूडियो, जिम, थिंकिंग एरिया नहीं बना। इसके साथ ही संगीत, खेल, योगा, कामर्स, फाइन आटर्स आदि के स्थाई शिक्षक नहीं है।

कच्चे रास्ते होकर पहुंचना पड़ता है स्कूल

मुख्य सडक़ से स्कूल का सीधा और पक्का रास्ता था। लेकिन नई इमारत निर्माण कार्य शुरू होने से इस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। जिसके चलते विद्यार्थियों को घूमकर कच्चे रास्ते से होकर स्कूल के पिछले हिस्से से जाना पड़ रहा है। बारिश के दौरान यहां किचड़ भी हो जाता है।

शिक्षाविद की राय

सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रदीप त्रिवेदी ने बताया कि सीएम राइज स्कूल की मृूल कल्पना है कि गरीब बच्चों को हाइटेक शिक्षा मिले। वर्तमान में सरकारी स्कूल के ८वीं तक विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। क्योंकि सीएम राइज स्कूल की प्रवेश परीक्षा में अधिकांश बच्चे निजी स्कूल के शामिल होते है। सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए सीट रिजर्व होना चाहिए। हिंदी मीडियम के विद्यार्थियों के प्रवेश परीक्षा भी अलग से होना चाहिए। भवन बनने पर ही सभी तरह की सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगी।

फैक्ट फाइल
- वर्तमान में ६टीं से १२वीं तक ६०९ विद्यार्थी
- पहली से पांचवी तक ९४ विद्यार्थी
- लैब असिस्टेंट के तीन पद खाली
- कामर्स टीचर की नियुक्ति नहीं हुई

इनका कहना है

सीएम राइज स्कूल के नए भवन का काम चल रहा है। जल्द ही सभी तरह की सुविधाएं विद्यार्थियों को मिलना शुरू हो जाएगी।
-मनोज सोहनी, प्राचार्य, सीएम राइज स्कूल, महूगांव।