
इंदौर. साइबर ठगों की करामात से लोगों की जेब खाली हो रही हैं। अब वन टाइम पासवर्ड (OTP) आए बिना ही राशि ट्रांसफर हो रही है। ठग छोटी राशि ट्रांसफर करते हैं। कई बार उसका मैसेज नहीं आता है। बाद में स्टेटमेंट की जांच करने पर पैसा कटने की जानकारी मिलती है। धोखाघड़ी के इस नए तरीके ने बैंकों के साथ पुलिस की नींद भी उड़ा दी है।
दरअसल, ओटीपी के आधार पर फ्रॉड अकसर होता है। ठग झांसा देकर ओटीपी हासिल कर लेते हैं। ऐसे में बैंक की जिम्मेदारी नहीं बनती। लेकिन यदि बिना ओटीपी आए राशि ट्रांसफर होती है और 24 घंटे में आप शिकायत कर देते हैं तो यह जिम्मेदारी बैंक की है। उन्हें अपने स्तर पर ग्राहक को राशि लौटाना पड़ती है।
तुरंत सूचना दी तो बैंक ने लौटाई राशि
इंदौर के विजय नगर निवासी पंकज जसवानी के खाते से 9950 रुपए किसी ई-वॉलेट में ट्रांसफर हो गए, जबकि ओटीपी नहीं आया। पंकज ने क्राइम ब्रांच के साथ तुरंत बैंक में सूचना दी। इसलिए बैंक ने पैसे लौटाए।
कैसे-कैसे धोखाधड़ी
- बैंक अधिकारी बनकर एटीएम-क्रेडिट कार्ड बंद होने का झांसा देकर ओटीपी हासिल कर राशि ट्रांसफर करना।
- ओएलएक्स पर विज्ञापन देकर प्रक्रिया बताते हुए राशि हासिल करना, मुख्य फ्रॉड है।
- नौकरी के नाम का झांसा देकर रजिस्ट्रेशन के लिए मात्र 10 रुपए ई-वॉलेट में जमा कराने का झांसा देना। जैसे ही 10 रुपए ट्रांसफर करेंगे, ठग आपकी डिटेल हासिल कर हजारों रुपए ट्रांसफर कर लेंगे।
जल्द आएगा फिगर प्रिंट से ट्रांसफर का तरीका
अब जल्द ही फिंगर प्रिंट के आधार पर राशि ट्रांसफर करने का तरीका इस्तेमाल होने वाला है। एक राष्ट्रीकृत बैंक ने अपने ऐप में इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। आघार नंबर के जरिए यह ट्रांजेक्शन होता है। अन्य बैंक भी यह व्यवस्था लागू करने वाली हैं|
Published on:
01 Sept 2021 08:47 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
