
सरकारी अस्पताल में घोर लापरवाही न डॉक्टर न कर्मचारी
देपालपुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बद से बदतर होती जा रही है। स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह भगवान भरोसे चल रहा है। इसका ताजा उदाहरण रविवार को देखने को मिला। जब बेटमा रोड पर गिरोडा पुलिया के पास चार पहिया वाहन पुलिया की रैलिंग से टकरा गया, जिसमें दो लोग घायल हो गए। एक्सीडेंट के दौरान लाए गए घायल वासुदेव व विष्णु बाबा निवासी जलोदिया पंथ इलाज लिए तड़पता रहा, लेकिन ड्यूटी डॉक्टर के नदारद होने से गंभीर घायल को नाजुक हालत में रैफर कर दिया गया। यहांंंं की लचर व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मौके पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मचारी और नर्स तक ने तड़पते युवक को हाथ लगाना उचित नहीं समझा। युवक तड़पता रहा और नर्स अपने अधिकारियों और डॉक्टरों से फोन पर बातें करती रही।फोन पर ही घायल युवक की जानकारियां देती रही, लेकिन जिंदगी के लिए उपचार मांगते युवक को उपचार देना किसी ने उचित नहीं समझा। भीड़ बढऩे और मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर युवक को 108 एम्बुलेंस से एक को इंदौर रैफर कर दिया। वहीं दूसरे घायल को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। यह पहला मामला नहीं है । इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिसमें सरकारी अस्पताल में मौके पर ड्यूटी डॉक्टर नहीं होने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। लेकिन फिर भी अस्पताल के जिम्मेदार इन लापरवाहीयो से सबक नहीं लेते।
Published on:
28 Oct 2018 09:00 pm
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