
Notice to councilor Jitu Yadav in the controversy of attacking Kamlesh Kalra house
एमपी के इंदौर में छोटे-मोटे अपराध में बदमाशों के हाथ-पैर तोड़ने और गंजा कर जुलूस निकालने वाली पुलिस का दोहरा रवैया सामने आ रहा है। पार्षद कमलेश कालरा के घर हमला कराने के सूत्रधार पार्षद जीतू यादव को बीजेपी निष्कासित कर चुकी है। इसके बाद भी पुलिस उसे नोटिस देकर गुहार लगा रही है कि वह आए और वाइस का सैंपल दे, ताकि जांच कर सकें कि जो फोन रिकॉर्डिंग आई है, उसमें आवाज उसकी है या नहीं? जीतू जाटव गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो चुका है पर कुछ बड़े नेता अभी भी उसे बचाने की कोशिश में लगे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर पुलिस ने कालरा मामले में एसआइटी का गठन किया था। अब तक 20 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन घटना जिस पार्षद जीतू यादव के इशारे पर हुई, उसे आज तक आरोपी नहीं बनाया गया है। कालरा ने पुलिस को कॉल डिटेल और रिकॉर्डिंग पेश की, लेकिन पुलिस फॉरेंसिक जांच का राग अलाप रही है।
इस बीच नई कहानी सामने आई कि घटना के बाद से फरार जीतू यादव को पुलिस ने नोटिस भी जारी किया है। कहा है कि जूनी इंदौर थाने में पेश होकर वह वाइस सैंपल दे, ताकि ऑडियो रिकॉर्डिंग से उसे मैच कराया जा सके। पुलिस ने नोटिस घर पर भेजकर गुरुवार को आने का न्यौता दिया था। हालांकि वह पेश नहीं हुआ। अब दूसरी बार नोटिस दिया जाएगा।
जीतू के भाई अभि के लिए मारा छापा
जीतू के भाई और मामले में आरोपी अभि उर्फ अभिलाष की तलाश में पुलिस छापे मार रही है। गुरुवार सुबह टीम को अभि की लोकेशन कुलकर्णी भट्टे की मिली। टीम ने वहां छापा मारा, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
एसआइटी के प्रमुख एडिशनल डीसीपी आनंद यादव के मुताबिक, सुबह पांच बजे दिलीप पिता रमेश चंद्र (38) निवासी कुलकर्णी भट्टा और घनश्याम सिंह उर्फ बंटी ठाकुर पिता हरि सिंह (41) निवासी शीलनाथ कैंप को घर से गिरफ्तार किया। दिलीप के खिलाफ तुकोगंज और एमआइजी में मारपीट और तोड़फोड़ का केस दर्ज है।
वीडियो फुटेज के आधार पर 20 गिरफ्तार
डीसीपी ऋषिकेश मीना ने बताया कि कालरा के घर हमले के वीडियो फुटेज के आधार पर 20 बदमाशों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जीतू यादव (जाटव) नोटिस के बाद भी वाइस सैंपल देने हाजिर नहीं हुआ है। जीतू को दोबारा नोटिस देंगे। जांच में पता चला है कि बदमाशों को अभि ने इकट्ठा किया था।
न इनाम घोषित, न जुलूस निकाला
पुलिस का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। शहर को शर्मसार करने वाली घटना में 20 आरोपी गिरफ्तार हुए, लेकिन एक का भी जुलूस नहीं निकाला और न कोई भी दौड़ते हुए गिरा, जिससे उसके हाथ-पैर टूट गए हों, जैसाकि आमतौर पर इन दिनों हो रहा है।
धमकाने वाले की जमानत याचिका पर आपत्ति
मामले के आरोपियों में से एक पिंटू रावेनकर ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान कालरा के बेटे की ओर से आपत्ति ली गई। जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर की कोर्ट में जमानत पर बहस के बाद रावेनकर के वकील ने जमानत याचिका वापस ले ली।
रावेनकर के वकील भरत यादव ने कोर्ट में बताया कि उनका मुवक्किल बेगुनाह है। वह तो पूजा-पाठ करता है। उसके खिलाफ पहले कोई केस दर्ज नहीं है। उसे भाजपा की रैली में चलने का बोलकर ले जाया गया। तोड़फोड़ या अभद्रता में उसका हाथ नहीं था और न ही वह पार्षद के घर में घुसा था। कालरा के वकील सौरभ डीघे ने कोर्ट में वीडियो से लिया फोटो पेश किया, जिसमें कालरा के घर पर पिंटू मौजूद था।
गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हुआ जीतू
भाजपा संगठन ने यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गिरफ्तारी के डर से यादव अंडरग्राउंड है, लेकिन पुलिस उसे आरोपी बनाने को राजी नहीं है। जबकि, एसआइटी गठन के पीछे मंशा थी कि षड्यंत्र के मुख्य आरोपी यादव पर नामजद एफआइआर की जाए।
एसआइटी पर भी सवाल
कालरा के घर हमला व आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पुलिस के आला अफसरों के साथ एसआइटी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। षड्यंत्र के तमाम आरोप के बाद भी तत्कालीन एमआइसी सदस्य जीतू यादव को आरोपी नहीं बनाया है। कई वीडियो, ऑडियो, पीड़ित के बयान में जीतू यादव पर आरोप लगे, लेकिन पुलिस को तकनीकी साक्ष्य का इंतजार है।
इस संबंध में एसआइटी प्रभारी एडिशनल डीसीपी आनंद यादव का तर्क है कि घटना में षड्यंत्र रचने वाले हमारे राडार पर हैं। तकनीकी जांच पूरी होने पर ही आरोपी बनेंगे। पुख्ता सबूत के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
Updated on:
24 Jan 2025 04:26 pm
Published on:
24 Jan 2025 04:25 pm
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