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अब ‘प्लॉट-मकान’ बेचेने के लिए करना होगा इस नियम का पालन

अप्राधिकृत दस्तावेजों, डायरी आदि पर बुकिंग- आवंटन होगा अवैधानिक....

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इंदौर। प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी रोकने के लिए प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इसके तहत कॉलोनाइजर, प्रमोटर, बिल्डर, ब्रोकर व अन्य संबंधित रेरा पंजीयन के बाद ही प्रॉपर्टी के सौदे कर सकेंगे। ऐसा नहीं करने पर इनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जिले में भूखंड (भूमि / मकान) का बड़े पैमाने पर क्रय-विक्रय कॉलोनाइजर, डेवलपर्स, ब्रोकर्स आदि के माध्यम से किया जाता है। पिछले एक साल में अवैधानिक सौदे कर लोगों से धोखाधड़ी, आधा- अधूरा विकास कर प्रॉपर्टी बेचने और राशि लेकर विकास कार्य अधूरा छोड़ने के कई मामले सामने आए हैं। अनेक बिल्डर्स ब्रोकर ने डायरियों पर सौदे कर राशि ले ली लेकिन अब रजिस्ट्री करवाने, प्लॉट पर कब्जा देने में आनाकानी की जा रही है। कलेक्टर मनीष सिंह ने रियल एस्टेट रेग्युलेशन एवं डेवलपमेंट एक्ट 2016 एवं इसके प्रावधानों के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इसका पालन कॉलोनाइजर, प्रमोटर, रियल एस्टेट एजेंट, ब्रोकर्स आदि को अनिवार्य रूप से करना होगा। यह अधिनियम सिर्फ प्रोजेक्ट डेवलपमेंट तक ही लागू नहीं है। मार्केटिंग के लिए प्रोजेक्ट की शर्तों के अनुरूप विकास भी अनिवार्य रूप से करना होगा।

इसलिए आदेश महत्वपूर्ण : बुकिंग के नाम पर रुकेगी बिक्री

यह आदेश सरकार द्वारा कॉलोनाइजर एक्ट में किए गए संशोधन को और बेहतर बनाने में सहयोगी होगा। नए नियमों में अब कॉलोनी विकास अनुमति के आधार पर नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति भी दे सकेगा। डेवलपर्स इसका लाभ लेकर कॉलोनी का धीम विकास करेंगे। पूरे मकान बनने पर जिम्मेदारी छोड़ सकते हैं। नियमों की सख्ती से विकास और निर्माण दोनों साथ हो सकेगा। आमतौर पर देखने में आ रहा है कि डेवलपर्स विकास शुरू किए बिना ही बुकिंग के नाम से बिक्री शुरू कर देते हैं। इस पर भी लगाम लगेगी। समुचित •विकास और पंजीयन के बाद ही प्लॉट मिलेंगे, जिससे निर्माण के लिए लोगों को विकसित कॉलोनी मिलेगी।

अधिनियम के अन्य प्रावधान

■ कॉलोनाइजर्स सभी अनुमतियां लें, सभी दस्तावेज रखें और पंजीयन के बाद ही प्रोजेक्ट की मार्केटिंग शुरू करें।

■ सभी कॉलोनाइजर-प्रमोटर प्रॉपर्टी का विक्रय रेरा शर्तों का पालन करते हुए करें।

■ खरीदार को अनुमति संबंधी दस्तावेज नामांतरण, डायवर्जन, नगर-ग्राम निवेश स्थल अनुमोदन की प्रतिलिपि दें।

■ काम पूरा करने कार्ययोजना दी जाएगी। मूलभूत सुविधाएं जैसे जल प्रदाय, बिजली से संबंधी जानकारी हो

■ विज्ञापनों में रेरा की वेबसाइट का उल्लेख करें।

■ कॉलोनाइजर संबंधित कंप्लीशन या ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही आवंटितों को भौतिक आधिपत्य प्रदान करें।

■ प्रोजेक्ट में मूलभूत सुविधाओं का संचालन बिल्डर डेवलपर की जिम्मेदारी है। यदि वह ऐसा नहीं करना चाहता है तो आवंटितों का रहवासी संघ या सोसायटी का गठन कर जिम्मेदारी सौंपे।