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अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए नहीं जाना पड़ेगा रजिस्ट्रार ऑफिस, फेसलेस होगा सिस्टम !

-ये सुविधाएं बनाएंगी व्यवस्था को और आसान व सुरक्षित-वर्तमान संपदा का डिजिटल वर्जन नए वित्तीय वर्ष से शुरू करेगा काम-आधार नंबर के साथ ई-हस्ताक्षर की रहेगी सुविधा.....

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property registry

इंदौर। प्रॉपर्टी की ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया आने वाले दिनों में और आसान हो जाएगी। सरकार एक अप्रेल से संपदा का नया वर्जन संपदा-2 लागू करने जा रही है। नए वर्जन में बड़े तकनीकी बदलाव किए गए हैं। नए वर्जन में प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ यह व्यवस्था की है कि प्रॉपर्टी की सही जानकारी व दस्तावेज होने पर खरीदने व बेचने वाले स्वयं रजिस्ट्री की प्रक्रिया कर सकेंगे। कम स्टाम्प शुल्क वाले दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन फेसलेस करने की भी तैयारी है। इसकी शुरुआत मॉडगेज दस्तावेज से की जा रही है। नए वर्जन में आधार नंबर के साथ ई-हस्ताक्षर कर सकेंगे।

सॉफ्टवेयर में जोड़े गए हैं नए फीचर

सरकार की मंशा फेसलेस रजिस्ट्री करने की है। इससे लोगों को रजिस्ट्रार ऑफिस नहीं जाना पड़ेगा। पंजीयन विभाग ने आठ साल पहले ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की थी। इससे रजिस्ट्री व अन्य दस्तोवजों की प्रक्रिया की जटिलताएं आसान हो गईं। विभाग आधुनिक तकनीक से इसे और बेहतर बना रहा है। इसके लिए संपदा-1 के वर्जन को बदला गया है। प्रक्रिया वर्तमान जैसी रहेगी, लेकिन सॉफ्टवेयर में नए फीचर जोड़े गए हैं। ऑटो मॉड पर तैयार सॉफ्टवेयर में प्रॉपर्टी की सही जानकारी और जरूरी दस्तावेज होने पर लोग घर पर ही रजिस्ट्री तैयार कर उप पंजीयक के समक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे। इससे वर्तमान व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। अभिभाषक, सर्विस प्रोवाइडर अपना कार्य अभी की तरह कर सकेंगे।

बनानी होगी यूजर आइडी

विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुसार, रजिस्ट्री या पंजीयन होने वाले दस्तावेजों का फॉर्मेट तय किया गया है। इसके लिए मॉडल प्रारूप रहेगा। व्यक्ति को यूजर आइडी बनानी होगी। इसमें खरीदी जा रही प्रॉपर्टी की जानकारी भरकर रजिस्ट्री की प्रति तैयार की जा सकेगी। दस्तावेज अपलोड कर ई-भुगतान से स्टाम्प शुल्क की गणना हो जाएगी। इसे ऑनलाइन जमा कर स्लॉट बुक किया जा सकेगा। प्राप्त समय पर दोनों पक्ष उप पंजीयक के समक्ष उपिस्थत होकर रजिस्ट्री करवा सकेंगे। प्रारूप भरने के बाद यदि अतिरिक्त शर्त, कानूनी बातें या संपत्ति के संबंध में अन्य जानकारी जोड़नी है तो इसके लिए भी प्रारूप दिया गया है। यह रजिस्ट्री के साथ ही रहेगा।

फेसलेस रजिस्ट्रेशन

अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में 40 से 50 प्रतिशत दस्तावेज ऐसे हैं, जिनमें बहुत कम मूल्य का स्टाम्प शुल्क लगता है। इन्हें सॉफ्टवेयर में रखा गया है। इसके लिए यूजर आइडी बनाकर दस्तावेज रजिस्ट्रेशन होगा। इसमें आधार की अनिवार्यता रहेगी। इस श्रेणी में सबसे पहले बैंक मॉडगेज दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन फेसलेस करने की व्यवस्था की जा रही है, क्योंकि इनकी संख्या बहुत ज्यादा होती है। इसके बाद अन्य के लिए लागू करेंगे।

डिजिटल लॉकर

इसमें दस्तावेज डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा। कोड के माध्यम से प्रिंट लिया जा सकेगा या देखा जा सकेगा।

ई-हस्ताक्षर सुविधा

व्यक्ति डिजिटल साइन कर सकेगा। इसके लिए आधार अनिवार्य रहेगा। यह व्यवस्था स्वैच्छिक रहेगी। आधार आधारित होने से धोखाधड़ी की आशंका कम रहेगी। गवाह को पंजीयन कार्यालय नहीं आना होगा।पोर्टल पर रहेगा मॉडल प्रारूप