
broken tooth
टूटे दांत लगवाने के हर माह तीन से चार केस दंत चिकित्सा महाविद्यालय पहुंच रहे हैं। यह काम डेंटल अस्पताल में कई माह से चालू है। जानकारी नहीं होने से लोग दांत टूटने के बाद फेंक देते हैं। ऐसे में नकली दांत ही विकल्प बचता है। डॉक्टरों के अनुसार, टूटे दांत जोड़ना आसान है, लेकिन बच्चों के दूध के दांत व बुजुर्गों या युवाओं के सड़न से खराब दांत इस तकनीक से नहीं जोड़े जा सकते।
मुंह में रखकर या दूध में डालकर लाएं
शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग के डॉ. विशाल खंडेलवाल ने बताया, दांत दोबारा तभी जुड़ सकता है, जब उसे तय समय में सुरक्षित लाया जाए। जैसे ही दांत टूटे, उसे दूध में डालकर या मुंह में रखकर लाएं। बच्चों या युवाओं के दांत टूटने पर उसे इस तकनीक से बेहतर जोड़ा जा सकता है।
95 फीसदी लोगों को यह पता नहीं कि दुर्घटना में टूटा दांत वापस जुड़ सकता है। यह सुविधा दंत चिकित्सा महाविद्यालय में है। दांत 3-4 घंटे में अस्पताल लेकर पहुंचना भी जरूरी होता है, तभी जुड़ सकता है।- डॉ. संध्या जैन, प्राचार्य, शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर
Updated on:
14 Feb 2024 12:24 pm
Published on:
14 Feb 2024 12:21 pm
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
